गायात्री

गायत्री बन्दना

गायत्री बन्दना

गायत्री वंदना माता गायत्री की वन्दना से हम उनके दिव्य शक्ति को अपने अंदर जागृत करते है। दिव्य शक्ति को मंत्र उर्जा के रुप मे वेदो मे स्थान दिया गया है। चुकी मानव, भाव का एक युक्ति यंत्र है। इसकी सारी उर्जा इसके नाभी मे कुंडलीत रहती है, जो सुषुप्तावस्था मे विधमान रहती है। इस कुंडलीत उर्जा को जिस भाव के रुप मे हम क्रियांवयित करेगे, वैसा ही हमारे चित का स्वरुप हो जायेगा। इसलीए मंत्र शक्ति, माता गायात्री के एक एकात्म स्वरुप का भान करते हुए, उनके वेदमंत्रोयुक्त भाव के द्वारा, हम स्वयं को उर्जावान करते है। हमारी जागृत…
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