लहरों की कहानी

लहरों की कहानी

Laharon ki kahani लहरों की कहानी सागर अपनी विशाल जलराशि के कारण शांत बना रहता है। जबकी हवा का झोंका पानी के सतह से जब टकराकर आगे बढ़ती है तो अपने साथ सागर के सतह के पानी को गतिमान कर देती है जिससे सागर मे लहरें बनने लगती है। यह लहरें हवा के झोंकों के साथ आगे बढ़ती जाती है और एक बड़ी लहरें बनकर सागर के तट से टकराती है। लेखक का कहना है कि जो सतह का पानी हवा के संपर्क मे था ओ हवा के साथ चलने लगी लेकिन हवा आगे निकल गई और लहरें की पानी…
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जीत के राही

जीत के राही

Jit ke rahi Jit ke rahi जीत के राही जीत यदी जीवन के कार्यशौली का हिस्सा बन जाय तो समझना होता है कि व्यक्ति को कार्य करने का नजरीया बदल गया है। वह कार्य को जीत के हिसाव से देखता है और स्वयं को उसी तरह से व्यवहार भी करता है। जीत की खुशी सारे खुशी पर भारी परती है। जीतने वाला व्यक्ति का बतचीत और समय प्रवंधन सटीक होता है। उसे पता होता है कि वह क्या, क्यो और कैसे  कर रहा है। उसकी पैनी नजर कार्य के प्रगती पर रहती है। समय के साथ कार्य मे बदलाव की…
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साथी और प्यार

साथी और प्यार

Shathi Aur Pyar साथी और प्यार जीवन मे आगे बढ़ने वाले की पाकृति अलग होती है उसके सोचने समझने तथा व्यवहार करने के पहलू अलग होते है क्योकि वो आगे बढ़ने मे काम आने वाले पहलू पर लगातार बिचार करता रहता है। वह अपनी नियत खुशी को पाने के लिए जो सक्षम प्रयास की जरुरत होती है करते रहने के लिए स्वयं से प्रेरित होते रहतें है। उसकी यही बृती उसके विकास को आगे बढ़ाती है और वह स्वयं को खुशी रखने की लगातार कोशिश भी करता रहता है। इस तरह के व्यक्ति को खुद पे विश्वास होता है क्योकी…
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जीत का घोड़ा

जीत का घोड़ा

जीत का घोड़ा जीत के घोड़ा दौराने वाले का चिंतन मनन विशिष्ट होता है। उसका हर कार्य उसके संकल्प की दिशा से निर्दिष्ट होता है। जिससे वह पल की पल को सहेजता हुआ आगे बढ़ता है। हर कदम पर आने वाली बाधाओं का समाधान करता हुआ वह आगे बढ़ता जाता है। जिससे उसका हौसला बुलन्द होता जाता है। जिससे उसके कार्य उर्जा का स्तर भी लगातार उँचा बना रहता है। उसके शारीरिक मानडंड से लेकर सारे क्रिया-कलाप उसके अपने नियंत्रण मे होते है। इसलिए स्वयं आंकलन उसके द्वारा लगातार किया जाता है। वह अपने मन को खुली छुट नही देता…
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युवा और युद्द

युवा और युद्द

युवा और युद्द युवा होने के साथ ही अंदर की हलचल और बाहर की उथल-पुथल के साथ जीवन को उच्च स्तर से जीने की चुनौती का सामना करना होता है। इसको सही तरह से हल करने के लिए समाज मे स्थापित परंपरा के साथ हमे चलना होता है साथ ही हमे नये संभावना भी तलासने होते है। कुछ नया करने के धनी लोग विभिन्न तरह के विचारो के साथ स्वयं को स्थापित करने की कोशिश मे कुछ सफल हो जाते है तो कुछ असफल होकर एक प्रश्न को जन्म दे जाते है। समय के साथ जीवन को समुन्त करने के…
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इंतजारी की उदासी

इंतजारी की उदासी

इंतजार की उदासी इंतजार हमे बहुत कुछ सीखा देती है क्योकी किसी कार्य को होने के लिए उसका अपना एक समय होता है और हमें उससे जुड़ने के लिए इंतजार करना परता है। लेकिन कभी-कभी ये इंतजार काफी लम्बी हो जाती है जो हमारे सोच के दायरे मे नही आता है। इसका कारण हमें सिमित दायरे मे रहकर सोचना से जुड़ा होता है। हमारी अपेक्षा इतनी बढ़ जाती है कि हम ज्यादा गहरा सोचना ही नही चाहते है क्योकी इससे होने वाले परिणाम को हम स्वीकार नही कर सकते है। संभावना के साथ होने वाले परिवर्तन के लिए यदि हम…
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प्राकृतिक रिश्ते

प्राकृतिक रिश्ते

प्राकृतिक रिस्ते प्राकृति मे होने वाले उथल पुथल से हम प्रभावित हए बिना नही रह सकते है। हमें इसका ध्यान रखना परता है। जितना ही अधिक जानकारी हम इसका रखते है उतना ही हम सुखी रह सकते है। हमारे चारो ओर प्रकृति प्रदत वस्तु मौजुद है। यहां तक की हम भी प्रकृति के ही अधिन है और वातावरण के साथ लगातार संयोजित होते रहते है। प्रकृति के साथ हमारा सबंध प्यार का है यानी की हमारी जीवन और जीवन से जुड़ी सारी खुशी के लिए हम इसपर ही निर्भर करते है। जो लोक प्राकृतिक आवास और मौसम के बिच रहते…
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प्यार की खोज

प्यार की खोज

प्यार की खोज युवावस्था के शुभारम्भ के साथ ही प्यार की सुगबुगाहट होने लगती है। कुछ प्यार मे सफल हो जाते है तो कुछ सफलता के मझदार मे उलझ जाते है। इन उलझे को सुलझने की जरुरत है जिससे की जिन्दगी की नैया को पार लगाया जा सके। वस्तुतः प्यार को चाहने वाले की समझ कुछ अलग होती है। वह अपने कार्य के प्रती ज्यादा जुराव रखते है। उसमे इसके करने के प्रति एक जजवा होता है। जिसे पा जाने के वाद उसके विकाश की दिशा उतरोत्तर हो जाती है। यदि व्यक्ति भूखा हो तो उसको प्यार की चाहत नही…
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Bali aur Sugriv

सुग्रीव बाली गृह स्थल रामायण कालीन समय की गाथा हमारे जनमानस मे बड़ा ही गहरा स्थान पा चुका है। हमारे रहन-सहन से लेकर हमारी पुजा-पाठ तक की बिचारधारा को इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता है। इसके वास्तविक होने के प्रमाण दिये जाते रहे है। यदि ऐसा सुनहरा जगह मिल जाय जिससे की इस कथानक के किरदार के बारे मे जानकारी हो तो मन मे उतावलापन तो देखने को मिलता ही है। ऐसे ही एक वाक्या बाली-सुग्रीव के बारे मे कही जाती है। बाली-सुग्रीव के रामायण कालीन समय के गृह स्थल को देखने का मौका मिला। पता चला की…
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बिंदास पल

बिंदास पल

बिंदास पल मन बड़ा ही चंचल और स्वछंद होता है। वह हमारे आसपास घटित होने वाली घटना के अत्यंत बारीक बदलाव से भी प्रभावित हो जाता है। उस भाव को आत्मसात करना या छोड़ना हमारे वर्तमान परिस्थिती के हमारे अनुवंध पर निर्भर करता है। लगातार हो रही इस प्रकार की घटना से हमारे अंदर एक नाकारात्मक बिचार की द्वंध बढ़ने लगता है जिसके कारण हमारे निर्णय की शक्ति प्रभावित होने लगती है और तनाव के शुरुआती भाव हमारे ऊपर दिखने लगता है। इस भाव से निजात पाने के लिए हमें एक युक्ती से गुजरना होता है जिसके बाद हमारे भाव…
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