bihaviour

अपनो के प्रीत

अपनो के प्रीत

अपनो के प्रीत अपनो के प्रीत बहुत गहरा होता है। जब हम कुछ दिन तक साथ रहते है तो एक दुसरे के साथ व्यवहार के साझा आदान प्रदान से अवगत हो जाते है। इसके साथ ही हम एक दुसरे के और करीव आने की कोशीश करते है कि सामने वाला उत्तम व्यवहार करेगा जिससे की आपसी रिस्तो को एक नई उचाई मिलेगी। इसके साथ ही विकाश तथा विश्वास की एक नयी उड़ान को पाया जा सकेग। इस तरह के सोच मानव के स्वभाव का हिस्सा होता है। लेकिन स्वार्थ परक व्यक्ति बड़ा ही जटील होता है। वह अपना आंतरिक प्राकृति…
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