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लहरों की कहानी

लहरों की कहानी

Laharon ki kahani लहरों की कहानी सागर अपनी विशाल जलराशि के कारण शांत बना रहता है। जबकी हवा का झोंका पानी के सतह से जब टकराकर आगे बढ़ती है तो अपने साथ सागर के सतह के पानी को गतिमान कर देती है जिससे सागर मे लहरें बनने लगती है। यह लहरें हवा के झोंकों के साथ आगे बढ़ती जाती है और एक बड़ी लहरें बनकर सागर के तट से टकराती है। लेखक का कहना है कि जो सतह का पानी हवा के संपर्क मे था ओ हवा के साथ चलने लगी लेकिन हवा आगे निकल गई और लहरें की पानी…
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स्वाभिमान

स्वाभिमान

स्वाभिमान का होना बिकाश की ओर अग्रसर के भाव रखने वाले के लिेए अच्छा माना जाता है क्योकि उससे उनका एक छवि गढ़ने का भाव मान मे रखना होता है, जिससे वह अपने गनत्व शिखर तक आसानी से पहुँच सके। स्वाभिमान एक गुणात्मक पहलु है। गुण को गढ़ने की कला यदी गुणी के पास मौजुद है तो उससे उसका पुरा परिदृष्य साफ हो जाता है। वह उपने मुकाम पर पहुँचकर फिर पिछे की तरफ नही देखता है जिससे की उसका भाग्योदय होना माना जाता है। स्वभाव मे गुण के कारण उसकी क्रियाशिलता बनी रहती है। वह सतत अपने विकाश के…
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