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आनंद के मोती

आनंद के मोती

आनंद के मोती जीव को हमेशा बातावरण के साथ संतुलन बना कर रहना होता है साथ ही उन्नत कर्म कौशल से जीवन को आगे ले जाते हुए स्वयं को उर्जावान भी रखना होता है। इसके बीच ही हमे आनंद की गहरी अनुभुती भी करनी होती है। यह सिर्फ चाहने से नही बल्की सतत प्रयास के योग सधना से ही इन खुशीयों के प्राप्त किया जा सकता है। आनंद के मोती से मेरा  तातपर्य था की निराश व्यक्ति के पास सही मार्गदर्शक की कमी होती है जिससे उनकी निराशा उनके आंनंद के पल को समझ ही नही पाती है या उनकी…
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मेहदी की मुश्कान

पैधों मे गुणकारी मेंहदी अपने सुनहरे रंग के लिए जानी जाती है। इसका रंग लगने और लगाने वाले दोनों को प्रभावित करता है। उत्सव के अवसर पर इसके श्रृंगार के उत्सव का रुप भी दिया जाता है। उकेरे जाने वाले तथ्य की भी बिभिन्नता होती है। जिसकी कलात्मकता हमारी अंतः करण को जगाती है। हमारे मनोभाव को प्रभावित करने वाला यह गुणकारी रंग अपने कला के साथ श्रृगार किये हुए को भी समझने का एक मौका प्रदान करता है। उकेरे जाने वाले तथ्य भी व्यक्तिगत पसंद का रुप होता है जो आंतरिक भाव को स्पष्ट करता है। भाव की शैली…
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General bogie

General bogie

साधारण बोगी साधारण ट्रेन से सीख यात्रा आजकल एक जरूरी व्यवस्था बन गया है इसके बिना किसी कार्य को समय से निस्पादन करना एक कठीन बिषय है। यात्रा को सुखद आरामदेह और आनन्द पुर्ण बनाने के लिए लगातार प्रयास चलते रहते है। लेकिन कुछ ऐसी घटना जिनका हमने पुर्वानुमान नही लगाया या हमारी जानकारी इस स्तर की नही थी या समझ नही पाई हमे नुकशान दे जाता है। हमारी इसी व्यवस्था से यह शिकायत रहता है लेकिन इसको बिल्कूल सही कर पाना संभव भा नही होता है। साधारण ट्रेन या साधारण वोगी की बातें करे तो यहां की व्यवस्था समय…
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भुक्खड कहीं का

भुक्खड कहीं का

भुख्खड़ कहीं का भुक्खड कहीं का आजकल के आपाधापी जिन्दगी के भागमभाग मे उलझन भी कम नही है। धर्म के घटने से आसुरी प्रबृति जन्म लेने लगी है। बेलगाम बिज्ञान रुपी धोड़े की चाभी उडण्डों के लग गई है, जिसमे मानव मुल्यो का चितन ही नही है। हर बस्तु को बिकाऊ मानकर बजार मे उतार रहा है। अमुल्यवान बस्तु भी हांफने लगी है कि कही उसका भी दाम न लग जाये। यदी ऐसा हुआ तो उसे भी बाजार की प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। प्यार मोहब्बत के नाजुक रिस्तो भी मौज मस्ती का साधन बनते जा रहे है। टुटते बनते…
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Good Morning Nature

Good Morning Nature

हे प्रकृति आपका जय हो। आपको समझकर ही आज मानव अपनी बिकाश यात्रा को आगे बढ़ा रहा है। सुर्य की गति धरती पर जीवन को नियंत्रित करता है, क्योकि उर्जा के वितरण का एक मात्र नियमित स्त्रोत यही है। प्रभात के साथ ही जीवन का बिखराव होने लगता है, तथा सुर्यास्त के साथ ही जीवन सिमटने लगता है। यह बिखरना और सिमटना हमारे दैनिक जीवन का भाग बन गया है। हम इसका अभ्यस्त हो चुके है। इसलिए हम इससे आगे सोचते है। यह सोच हमे प्राकृत से अलग कर देती है। हम यहां स्वयं की आवधारना के सोच को लेकर…
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सत्य कहां मिलेगा

सत्य कहां मिलेगा

सत्य कहां मिलेगा लेख सत्य के खोज मे निकला व्यक्ति वस्तुतः स्वयं को ही खोज रहा होता है। स्वयं को व्यवस्थित करने के लिए वह अपना राह तलास रहा होता है। भटकाव का कारण गुण की प्रखरता का नही होना होता है। गुण के प्रखरता मे कमी होने के कारण उसका समायोजन सही से नही होगा। जिससे की उसके सम्मान मे कमी होगी। इसी कमी को पुरा करने के लिये उसको तोड़ जोड़ करना परेगा। इससे उत्पन्न व्यवस्था मे वह उलझता चला जायेगा। उपलब्ध परिस्थिती का लाभ लेता वह इस कदर उलझ जायेगा कि एक दिन वह स्वयं को खोजने…
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