Bhajan

मन क्यो धबड़ाये

मन क्यो धबड़ाये

मन क्यो धबड़ाये मन बड़ा ही चंचल है, यह हमारे शरीर मे होने वाले आंशिक हलचल को भी परिलक्षित कर देता है। यह कुछ क्षण ही स्थिर रह सकता है, इसके बाद इसका बदलना हो सकता है। मन मे घबड़ाहट कई कारणो से होता है, लेकिन मुल आधार होता है, शरीर के नष्ट होने का भय यह एक ऐसा कारक है, जिसके हावी होते ही मन मे धबड़ाहट का दौर चलना शुरु हो जाता है। समय के साथ ही इसकी तिव्रता बढ़ती ही जाती है। मन की धबड़ाहट को शांत करने के लिए हमे बाहर की घटनाओं का बर्णन देखना…
Read More
error: Content is protected !!