प्यार

साथी और प्यार

साथी और प्यार

Shathi Aur Pyar साथी और प्यार जीवन मे आगे बढ़ने वाले की पाकृति अलग होती है उसके सोचने समझने तथा व्यवहार करने के पहलू अलग होते है क्योकि वो आगे बढ़ने मे काम आने वाले पहलू पर लगातार बिचार करता रहता है। वह अपनी नियत खुशी को पाने के लिए जो सक्षम प्रयास की जरुरत होती है करते रहने के लिए स्वयं से प्रेरित होते रहतें है। उसकी यही बृती उसके विकास को आगे बढ़ाती है और वह स्वयं को खुशी रखने की लगातार कोशिश भी करता रहता है। इस तरह के व्यक्ति को खुद पे विश्वास होता है क्योकी…
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प्यार की खोज

प्यार की खोज

प्यार की खोज युवावस्था के शुभारम्भ के साथ ही प्यार की सुगबुगाहट होने लगती है। कुछ प्यार मे सफल हो जाते है तो कुछ सफलता के मझदार मे उलझ जाते है। इन उलझे को सुलझने की जरुरत है जिससे की जिन्दगी की नैया को पार लगाया जा सके। वस्तुतः प्यार को चाहने वाले की समझ कुछ अलग होती है। वह अपने कार्य के प्रती ज्यादा जुराव रखते है। उसमे इसके करने के प्रति एक जजवा होता है। जिसे पा जाने के वाद उसके विकाश की दिशा उतरोत्तर हो जाती है। यदि व्यक्ति भूखा हो तो उसको प्यार की चाहत नही…
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घुंघट की आरजू

घुंघट की आरजू

घूंघट की आरजू घुंघट की मर्यादा को निभाने के लिए बहु संकल्पित होती है जिससे की कुल-खनदान की मान-मर्यादा की रक्षा हो सके। बिचार मे द्वंद्ध होने से बिखराव होता है, खुबसुरती के आकर्षण से लगाव होता है, लेकिन घुंघट के बनाव से प्रेम भरा आशीष का योग बनता है, जो परिवार के विकास के लिए जरुरी होता है। परिवार के सभी सदस्य को अपनी सीमा मे रहकर कार्य करना होता है जिससे की विकास की धारा बहती रहै। धुंघट मे लिपटी बहु की आश बड़ी होती है क्योकि उसको एक सिमित दायरे मे काम करना होता है वांकी के…
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दस्तक

दस्तक

दस्तक व्यस्तता के बिच आपके अधिकतम व्यवस्था के साथ जागृत भाव प्रकट करते हुए आपको व्यवहार करना होता है जिससे ततक्षण आये अतिथि का पुरा सम्मान हो सके। आपको उसके माल्यांकण का समय नही होता है आपकी अपनी समस्या से सामने वाले के कार्य व्यवहार के साथ अधिकतम निष्ठा रखनी होती है। जिससे की आपसी सबंध को एक उँचाई मिल सके।         स्वार्थवादी समाजिक व्यवस्था के बिच लोग आगे बढ़ने के लिए कई तरह के प्रयोजन का स्तेमाल अपने क्षमता के हिसाव से करते है। इसमे संभावना का अधिकतम इस्तेमाल करते हुए आगे निकलने की प्रेरित लोग बड़े ही तीखा…
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बिंदास भोला

बिंदास भोला

बिंदास भोला अपने सिमित साधन के साथ नवाचार होते हुए खुश रहने वाले भोला को लोभी, भोगी और मानसिक रोगी वाले से चिढ़ बढ़ती है। वह इन लोगो के करीब नही आना चाहता है। लेकिन प्रकृति मे निरंतर घटनाक्रम चलते रहता है हम अपने स्वभाव के अनुरुप ही उसका प्रतिकार करते है तथा उसके फलाफल को प्राप्त कर अपनी जीवन यात्रा पर आगे निकल जाते है।    भोला चाहता है कि संसार के सभी प्राणी बिंदास होकर जीवन यापन करे। कोई किसी की आंतरीक सीमा मे जाकर क्यो उसके बिंदास जीवन पर जबरन अधिकार प्रत्योरोपित करे। इस व्यवस्था का बिरोध…
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आनंद के मोती

आनंद के मोती

आनंद के मोती जीव को हमेशा बातावरण के साथ संतुलन बना कर रहना होता है साथ ही उन्नत कर्म कौशल से जीवन को आगे ले जाते हुए स्वयं को उर्जावान भी रखना होता है। इसके बीच ही हमे आनंद की गहरी अनुभुती भी करनी होती है। यह सिर्फ चाहने से नही बल्की सतत प्रयास के योग सधना से ही इन खुशीयों के प्राप्त किया जा सकता है। आनंद के मोती से मेरा  तातपर्य था की निराश व्यक्ति के पास सही मार्गदर्शक की कमी होती है जिससे उनकी निराशा उनके आंनंद के पल को समझ ही नही पाती है या उनकी…
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Happy and Love

Happy and Love

खुशी और प्यार खुशी और प्यार प्यार एक दूसरे को समझने का बंधन है जिसके सहारे खुशियों को उच्च स्थान प्राप्त होता है। बंधन हमारे स्वभाव जनित संबंध को दर्शाता है। इसकी गहराई हमारे सक्रियता पर निर्भर करता है। समय के साथ यदि इसमें बदलाव होता है तो खुशियां भी कम या अधिक हो जाती है। आजकल के व्यवसायिक सोच ने संबंधों को भी प्रभावित करने लगा है। जिससे खुशियों को बनाए रखना एक गंभीर चुनौती बन गई है। सीमित अवधि वाला खुशी यदि जोखिम भरा भी ही तो कई लोग आगे निकल जाते है जिससे की उसमे प्यार की…
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Lovely dear

Lovely dear

प्यारो हो प्यारे हो प्यार की दशा और दिशा को आज के समय मे एक बन्धन मे बांधकर रखना चुनौती है क्योकि जीवन की समझ को विज्ञान ने बदल दिया है। बदले हुए सोच से आगे बढ़ने की ललक तीव्र है साथ ही शारीरिक मानडंड को भी पुरा करना होता है। दोनो को साथ ले चलने मे भटकाव का स्तर चरम पर होता है। सुनियोजित व्यहार के साथ आगे जाता हुआ व्यक्ति ही आपने को सही रुप से स्थापित कर पाता है।      स्वयं को स्थापित कर लेने के वाद भी उसका ये अभियान नही रुकता है वह समय के…
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गुलाब का जादू

गुलाब का जादू

गुलाब का जादू  जादू का खेल बड़ा ही निराला होता है। इसमे किया जाने वाला कार्य हमारी आकार्षण का मुख्य बिन्दु होता है। हमारा पुरा ध्याण जादु करने वाले के साथ-2 जादुई प्रक्रिया से बना रहता है। उत्साह की सिमा का अंदाज लगाना कठिन होता है। लगाव जुड़ाव का अपना ही एक गणित होता है। जिसको लोग मनोयोग से समझ कर प्रतिक्रया करते है। यदि आप भाव के प्रकट करने या भाव को समझने के धनी नही है तो प्रभाव उसके अनुरुप ही होगा। सौन्दर्य का आपना एक आभा मंडल होता है। जो समझने वाला को ही अपना शिकार बनता…
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