रजिस्टारर का पहला दिन

एक दिपक को जलते देखा

नियुक्ति के पद का पहला दिन जीवन के अनमोल पल मे से एक होता है। कर्मपथ पर चलते हुए उसके सर्वोच्य पद पर पदासिन होना एक सुखद अनुभूति तो देता ही है साथ ही गौरव का मनोवल भी सदा बना रहता है। अंकल जी के लिए यह पल ऐसा ही था। कार्य बिरक्ति के समय मे इस तरह के अवसर मिलना बाकई एक उच्च बिचार के प्रतिनिधित्व को सराहना कहा जाना चाहिए।

महत्वपुर्ण एवं जिम्मेदारी भरा पद से व्यक्ति की प्रधानता को समझा जा सकता है। एक स्वस्थ्य राजनीति को समझने वाले तथा जीने वाले के लिए बिचार की महत्ता अधिक होती है जिससे उसके भाव पुर्ण जीवन को एक अर्थ मिलता है। जीवन को जीने का एक योग होता है जिससे की उसके मनोभाव का संयोग बनता है।

वैसे तो समझने वाले के लिए ही समय एवं कार्य का अपना महत्व होता है। लेकिन भावपुर्ण बिचार के साथ आपने आदर्श को बनाये रखने वाले के लिए यह बिशेष मायने रखता है। अपने कार्य के फल को उत्साह के साथ जीने की कला एक उन्नत समाज को जन्म देगा।

हे मानव तु अपने भाग्य का स्वयं निर्माण करता है। अपना हर पल मुझको समर्पित करता जा तुझे कभी निराशा हाथ नही लगेगी। क्योकी हर पल के साथ तु्म्हारा जो अच्छा करने का प्रयास होगा वह तुझको निखार देगा, जिसका बिश्लेषण करके के बाद तुझको समाज आदर्श के रुप मे स्थापित करेगा और यही तुम्हारा वास्तविक धन होगा जो तुम्हारी चेतना का शायद लक्ष्य भी हो।

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लेखक एवं प्रेषकः- अमर नाथ साहु

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By sneha

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