बिंदास

बिंदास पल

बिंदास पल

बिंदास पल मन बड़ा ही चंचल और स्वछंद होता है। वह हमारे आसपास घटित होने वाली घटना के अत्यंत बारीक बदलाव से भी प्रभावित हो जाता है। उस भाव को आत्मसात करना या छोड़ना हमारे वर्तमान परिस्थिती के हमारे अनुवंध पर निर्भर करता है। लगातार हो रही इस प्रकार की घटना से हमारे अंदर एक नाकारात्मक बिचार की द्वंध बढ़ने लगता है जिसके कारण हमारे निर्णय की शक्ति प्रभावित होने लगती है और तनाव के शुरुआती भाव हमारे ऊपर दिखने लगता है। इस भाव से निजात पाने के लिए हमें एक युक्ती से गुजरना होता है जिसके बाद हमारे भाव…
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बिंदास भोला

बिंदास भोला

बिंदास भोला अपने सिमित साधन के साथ नवाचार होते हुए खुश रहने वाले भोला को लोभी, भोगी और मानसिक रोगी वाले से चिढ़ बढ़ती है। वह इन लोगो के करीब नही आना चाहता है। लेकिन प्रकृति मे निरंतर घटनाक्रम चलते रहता है हम अपने स्वभाव के अनुरुप ही उसका प्रतिकार करते है तथा उसके फलाफल को प्राप्त कर अपनी जीवन यात्रा पर आगे निकल जाते है।    भोला चाहता है कि संसार के सभी प्राणी बिंदास होकर जीवन यापन करे। कोई किसी की आंतरीक सीमा मे जाकर क्यो उसके बिंदास जीवन पर जबरन अधिकार प्रत्योरोपित करे। इस व्यवस्था का बिरोध…
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