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सत्य कहां मिलेगा

सत्य कहां मिलेगा

सत्य कहां मिलेगा लेख सत्य के खोज मे निकला व्यक्ति वस्तुतः स्वयं को ही खोज रहा होता है। स्वयं को व्यवस्थित करने के लिए वह अपना राह तलास रहा होता है। भटकाव का कारण गुण की प्रखरता का नही होना होता है। गुण के प्रखरता मे कमी होने के कारण उसका समायोजन सही से नही होगा। जिससे की उसके सम्मान मे कमी होगी। इसी कमी को पुरा करने के लिये उसको तोड़ जोड़ करना परेगा। इससे उत्पन्न व्यवस्था मे वह उलझता चला जायेगा। उपलब्ध परिस्थिती का लाभ लेता वह इस कदर उलझ जायेगा कि एक दिन वह स्वयं को खोजने…
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