बिता साल

वीता साल
वीता साल
पुराना साल

    पुरने साल के यादों के खजाने से हमें मोती चुनने होते है जिससे की हमारे नवीन संकल्पना की सशक्तता को बल मिल सके। ह्में अपनी कमजोरी पर नियंत्रण करना होता है जिससे की हम पहले से ज्यादा ताकत के साथ परिस्थिती से मुकाबला कर सके। बदलते साल के साथ वही त्योहार और मौसम हमे फिर से हमे मिलते है हमारी कोशिश होनी चाहिए की हमारी उत्साह पहले से उन्नत हो। पुर्व की गलती न दोहराई जाय।

      घटनाओं से जुझता हुआ जब हम साल के अंत मे पहुँचते है तो हमे एक तसल्ली मिलती है कि आने वाला समय और अच्छा होगा। कहते है इसके लिए सिखे जाने योग्य आचरण को संचित करता होता है और इसको अपने जीवन मे उतारना होता है। जिससे की हमारी उत्साह को बल मिले। सिखने की प्रवृति ही हमे नवीकृत करती है और हमारे उत्साह को बनाती भी है। गुरते साल जो हमे दे गया वह हमारे जीवन मे सिखने के भाग मे एक और अध्याय जोड़ गया। इस जुड़ते अध्याय के साथ ही हमारा अनुभव भी बढ़ने लगता है इस तरह हम अपने सिद्धांत के साथ पहले से ज्यादा तातकवर होते जाते है। यही ताकत हमारी पुजी बनती जाती है। यही पुजी हमारे जीवन मुल्य को निर्धारित भी करती है। कर्म की प्रधानता वाला ये जीवन हमारे आत्मबल को बढ़ाता है। जिससे की हम उन्नत जीवन के धनी बन जाते है।

   कार्य योजना हमारी विकाश का हिस्सा होता है जिसमे लगने वाला कार्यवल हमारी अनुभव और कार्य क्षमता से ही आता है। इसी कार्य क्षमता को आगे बढ़ाते रहने की जरुरत होती है। वितते समय के साथ हम और उन्नत विचारों से परिपुर्ण हो इसकी कामना हर करते है और हम विश्वास रखते है कि जीवन को जीतने के हमारी कोशिश मे हम सफल होगें।

लेखक एवं प्रेषकः- अमर नाथ साहु

संवंधित लेख को जरुर पढ़ेः-

  • हिन्दी नव वर्ष जीवन के अनमोल पल को सहेजता हुआ अत्यधिक उत्साह वर्धन करता है।
  • नया साल अंग्रेजी के कलेण्डर के साथ होने वाले कार्य की निरुपित करते है।
  • योदो का नया साल मनाने का अपना ही आनन्द होता है।

By sneha

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