chahat

तेरे पनाहो में

तेरे पनाहो में

तेरी पनाहों में तेरी पनाहों में वैवाहिक जीवन को सुखमय और आनंदित बनाने के लिए आपसी समन्वय का होना जरुरी होता है जिससे की भावनात्मक लगाव का स्तर नविकृत होकर उल्लासपुर्ण बनी रहे। व्यवहारिक जीवन मे होने वाले उथल-पुथल को झेलते हुए जो तनाव पैदा होता है उसका समायोजन होना भी जरुरी होता है। इस समायोजन के बाद सुकून के पल का एहसास होता है। फिर मन एक स्वतंत्र विचार को जन्म देता है जो व्यवहारिक जीवन को और अच्छा बनाने के लिए उत्साह के स्तर को बढ़ा देता है। यह प्रक्रिया स्वतः स्फुर्त गति से चलते रहना होता है…
Read More
error: Content is protected !!