25
Jan
गुरुर खुद पर गुरुर का होना बड़ी बात है। यदि व्यक्ति समय के साथ चलते हुए बड़े निष्ठा के साथ कार्य करते हुए आगे बढ़ता है और पुरी ततपरता के साथ लगा हुआ है तो कहता है कि हमे खुद पे गुरुर है। इसका अभिप्रय यह होता है कि व्यक्ति मे कार्य को सही से करते हुए आगे बढ़ने के प्रति सतर्क है। वह सावधानी के विधान को सही से जानता है। उसके कार्य करने की शैली अगल है जिससे की वह इतने विश्वास के साथ ये बात कह रहा है। गुरुर और घमंड मे अंतर होता है। घमंड ये…