मेरा प्यारा बाबू

मेरा प्यारा बाबू

मेरा प्यारा वाबू

नन्हा जीवन की हर संकेतपुर्ण बातें प्राकृतिक रुप से शुद्ध और निःछल होता है जो बड़ो को वहुत भाता है जो आगे बढ़ने की प्रेरणा उनमे जगा जाता है। यही जजवा बिकाश का सुत्रधार होता है। जीवन को समझने का सही समय भी यही होता है इस समय सिखने और प्रतिक्रिया देने से उसके भावी जीवन के बारे मे बेहतर कल के निर्माण से सार्थक कदम उठाये जा सकते है, जिससे उसके बिकाश को सही दिशा मिले। हर एक बात को सिखने समझने के लिए भाव और संकेत काफी होते है जो नाजुक खाली मस्तिस्क पर अंकित होते चले जातें है। भुलने को तो हम हर कुछ भुल जाते है पर जिस मिट्टी से बड़े हुए है वहां की सौगंध खाते है।

       खेलते कुदते बचपन के प्रति आजकल लोगों की सजगता बढ़ने लगी है। परिवारिक माहौल के प्रति भी लोगों मे सतर्कता आई है क्योकि बच्चा हर आवभाव को सिखने की कोशीश करता है परिवार मे होने वाली हर पहल उसके लिए कुछ न कुछ सिखाती है यही से उसके मस्तिष्क को प्रेरणा मिलता है। अनुवंशिकता जनीत गुण की निखार के साथ सिखने की कला को ब्राह्य व्यवहार से ही हासिल किया जा सकता है। व्यवहारिक शिक्षा के प्रति बच्चो की तिब्र जिज्ञासा रहती है जिसको समय के साथ सही समाघान भी करना होता है जिससे उसके सोचने की शक्ति का सही बिकाश होता है।

   आईये एक नई जीवन को सवारने के लिए जीवन के हर उपयोगी तथ्य को सही तरह से अपने नन्हे के मस्तिष्क मे कम्प्यूटर की भांती इन्स्टांल करे। जिससे उसके बिकाश को एक नयी मंजिल मिले। परिवार को एक मंदिर बनाकर जिये और आगे बढ़ रहे जीवन के प्रती अपनी जिम्मेदारी से साथ आनन्द से रहे।

लेखक एवं प्रेषकः अमर नाथ साहु

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By sneha

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