24
Jan
सावन की चौथी सोमवारी भगवान शिव को पुष्प अर्पित करते हुए मन मे जो उत्कृष्ट भाव बनता है, उस भाव को दर्शाता यह कविता हमें साधना तथा शक्ति के मार्ग को सशक्त करता है। भाव ही भगवत्व प्राप्ति का उत्तम स्त्रोत है। इसलिए भाव प्रधान यह पुजा आज पुष्प की प्रधानता को दर्शाता है। पुष्प एक बस्तु मात्र है, लेकिन इसके प्रति जो भाव मन मे बनता है, इसी से इसकी प्रधानता भक्तो के लिए अधिक है। भाव के कारण ही भगवान भक्त के करीव होते है। एक सशक्त भाव का साधक होना बहुत जरुरी है। यह भाव अनादि भी…