क्यों निकलते है अश्क मेरे
जीवन को संतुलन की अवस्था मे जीना होता है जिससे की जीवन का भरपुर आनन्द उठाया जा सके। इसके लिए हमे सतत प्रयास करने होते है। इसी प्रयास के तरह हमे विभिन्न प्रकार के प्रयोजनो से गुजरना होता है। इसी प्रयोजनो के दौरान हमारी कार्य अवलोकन और कार्य क्षमता के अनुरुप हमे कई प्रकार के कठीनाईयों का सामना करना परता है। इसीका सामना करते हुए हमे जो अनुभव मिलते है उन्ही मे से कुछ अनुभव को हम रेखांकित करते है जिससे की जीवन संधर्ष के दौरान दुवारा इस तरह की कठीनाई का समाना करना न परे।
जीवन के शुरुआती दौर मे शारीरिक संवंदनशिलता का स्तर बहुत उंँचा होता है। समय के साथ इसमे उतार- चढ़ाव होता रहता है। यद्वपि बढ़ती उम्र के साथ बहुत सारी बातों का विश्मरण हो जाता है। युवावस्था आते ही हमारी संवेदनशीलता का स्तर एक बार फिर बढ़ता है जो हमे झकझोड़ देता है। यहीं से हमारे जीवन के विकाश की प्रमुख यात्रा का शुरुआत होता है। इसी यात्रा के दौराण जब हम सामाजिक मान मर्यादा के साथ स्वयं को स्थापित करते हुए जब एक स्थिरता मे बंधते है तो हमारी अतीत हमे सावधान करती है जो हमारे आनवाले कल को शुभ बनाने के लिए जरुरी होता है।
यहीं से जब हम पिछे मुड़कर देखते है तो हमे मालूम होता है कि हमारी भुल क्या थी। वो भूल हमे व्यथित करती है तो हमारे अश्क यानी आशूं निकल जाते है। हम नयी उर्जा के साथ यहीं से आगे की एक नयी यात्रा पर निकल जाते है। कुछ यादें ऐसी होती है जो वक्त वे वक्त हमारी यादें ताजा कर देती है और हमारी भुल हमे रुला देती है क्योकि हम इसे चाहकर भी ठीक नही कर सकते है। यहां हमारी उन्नत कार्यउर्जा ही हमे एक वेहतर कल का निर्माण करती है जिसको हमे खुद निर्माण करना होता है।
जिन्दगी को जीने की उँची अभिलाषा हमे प्रेरित करती है लेकिन हमारी कमजोरी हमे कठीन प्रयास के तरफ जाने को कहती है तो हमें रोना आ जाता है क्योकि हम तो इसके लिए तैयार नही थे। इसी तैयारी को रेखांकित करती ये काव्य रचना हमे समय के साथ चलना सिखाती है और सही करने के लिए प्रेरित करती है।
लेखक एवं प्रेषकःः अमर नाथ साहु.
संबंधित लेख को जुरुर पढ़ेः-
- मुस्कान और थकान को बढ़ा ही करीव का रिस्ता है जो हमे आगे बढ़ना सिखाती है।
- सम्मान का दर्द बड़ा ही गहरा होता है इसको समझ कर आगे जाना होता है।
- आशा की किरण हमे जीवन मे आगे बढ़ने का विश्वास दिलाता है।
- विवाह के चक्र को समझना कलात्मक जीवन को निरुपित करता है।