गोल

जीत की समझ

जीत की समझ

जीत की समझ ब्राह्य आवरण से प्रभावित हुए बिना जो वास्तविकता को समझ जाए है उनके जीत की समझ अच्छी मानी जाती है। कयोंकि सत्य को जानने के लिए व्यक्ति को सतत प्रयास करते हुए आगे बढ़ना होता है। भावना के आगोश में बहने वाले जब सुख की खोज करते है तो वह ब्राह्य आवरण में उलझकर सत्य से दूर चले जाते है।
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