व्यवहार

दस्तक

दस्तक

दस्तक व्यस्तता के बिच आपके अधिकतम व्यवस्था के साथ जागृत भाव प्रकट करते हुए आपको व्यवहार करना होता है जिससे ततक्षण आये अतिथि का पुरा सम्मान हो सके। आपको उसके माल्यांकण का समय नही होता है आपकी अपनी समस्या से सामने वाले के कार्य व्यवहार के साथ अधिकतम निष्ठा रखनी होती है। जिससे की आपसी सबंध को एक उँचाई मिल सके।         स्वार्थवादी समाजिक व्यवस्था के बिच लोग आगे बढ़ने के लिए कई तरह के प्रयोजन का स्तेमाल अपने क्षमता के हिसाव से करते है। इसमे संभावना का अधिकतम इस्तेमाल करते हुए आगे निकलने की प्रेरित लोग बड़े ही तीखा…
Read More
अपनो के प्रीत

अपनो के प्रीत

अपनो के प्रीत अपनो के प्रीत बहुत गहरा होता है। जब हम कुछ दिन तक साथ रहते है तो एक दुसरे के साथ व्यवहार के साझा आदान प्रदान से अवगत हो जाते है। इसके साथ ही हम एक दुसरे के और करीव आने की कोशीश करते है कि सामने वाला उत्तम व्यवहार करेगा जिससे की आपसी रिस्तो को एक नई उचाई मिलेगी। इसके साथ ही विकाश तथा विश्वास की एक नयी उड़ान को पाया जा सकेग। इस तरह के सोच मानव के स्वभाव का हिस्सा होता है। लेकिन स्वार्थ परक व्यक्ति बड़ा ही जटील होता है। वह अपना आंतरिक प्राकृति…
Read More
error: Content is protected !!