लक्ष्य

Bewildered

Bewildered

किंकर्तव्यविमुढ़ता Oplus_0 लक्ष्य को साधित करने के बाद उसको पाने के लिए किये जा रहे प्रयास मे जब वाधा उत्पन्न होती है तो व्यक्ति सामाधान ढ़ुढ़ता है। यही पर किंकर्तव्यविमुढ़ता की स्थिती आती है। व्यक्ति के अंदर समाधान के लिए गुण की कमी, संसाधन की कमी या व्यवस्था की कमी जैसी अनेको समस्या आ खड़ी होती है। वह ऐसे चौराहे पर खड़ा होता है जहां से अनेको रास्ते निकलते है सभी रास्ते मे कुछ कमी और कुछ सही नजर आता है।   यहां पर व्यक्ति को अपने सोच, कार्य करने की क्षमता तथा उपलब्ध व्यवस्था के अनुसार उपयुक्त जानकारी को…
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युवा और युद्द

युवा और युद्द

युवा और युद्द युवा होने के साथ ही अंदर की हलचल और बाहर की उथल-पुथल के साथ जीवन को उच्च स्तर से जीने की चुनौती का सामना करना होता है। इसको सही तरह से हल करने के लिए समाज मे स्थापित परंपरा के साथ हमे चलना होता है साथ ही हमे नये संभावना भी तलासने होते है। कुछ नया करने के धनी लोग विभिन्न तरह के विचारो के साथ स्वयं को स्थापित करने की कोशिश मे कुछ सफल हो जाते है तो कुछ असफल होकर एक प्रश्न को जन्म दे जाते है। समय के साथ जीवन को समुन्त करने के…
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