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Feb
खुद को संभाल खुद को संभाल सहेली जीवन में शादी एक अनोखा उत्सव है इसमें मानसिक चंचलता अपने चरम पर रहता है। एक नए जीवन के प्रति उत्साह का अपना अलग ही उमंग होता है। साथी सहपाठी के प्रती जुड़ाव से उसके प्रती आत्मीयता और बढ़ जाती है। उसमें नवीन बिचारों का एक मादक व्यवहार दिखाई देने लगता है लेकिन अपने - अपने सीमा के अधिन ही बिचारो का आदान प्रदान होता रहता है। ऐसी ही एक बिचार को व्यक्त करता ये युक्ति जीवन मे आने वाली संभावना के प्रती बिचार को स्थापित करने का एक योग है। अपनो के…