05
Apr
संतुष्टि और सहयोग संतुष्टी हमें विकाश की सीमा मे हमे वांधकर आगे बढ़ने मे मदद करता है लेकिन कुछ लोग ऐसे होते है जो समय के साथ बिकल्प को तलाशते हुए सहयोग लेकर आगे निकल जाते है। उसके दिमाग मे आगे निकलने की उत्कृष्ट आकांक्षा रहती है जिसके कारण सार्थक गुण के विकास मे समय गवाने को छोड़कर वह बिकल्प को अपनाते हुए आगे निकल जाते है। सहयोग करने वाले के पास सहयोग के रुप मे मिलने वाला सराहना होता है नही मिलने पर उलहना होता है वह सहयोग नही करने वाले की प्रतिष्ठा को कम करने का प्रयास करते…