संतुष्टि और सहयोग

santusti aur sahyod
Santishti aur sahyog

संतुष्टि और सहयोग

संतुष्टी हमें विकाश की सीमा मे हमे वांधकर आगे बढ़ने मे मदद करता है लेकिन कुछ लोग ऐसे होते है जो समय के साथ बिकल्प को तलाशते हुए सहयोग लेकर आगे निकल जाते है। उसके दिमाग मे आगे निकलने की उत्कृष्ट आकांक्षा रहती है जिसके कारण सार्थक गुण के विकास मे समय गवाने को छोड़कर वह बिकल्प को अपनाते हुए आगे निकल जाते है।

सहयोग करने वाले के पास सहयोग के रुप मे मिलने वाला सराहना होता है नही मिलने पर उलहना होता है वह सहयोग नही करने वाले की प्रतिष्ठा को कम करने का प्रयास करते है ताकि उनपर दवाव बनाया जा सके। निष्ठावान व्यक्ति स्वयं को आगे रखने के लिए हर संभव कोशिश करता है कि उसको सहयोग के रुप मे कुछ न कुछ जरुर दे जिससे की उसके उपेक्षा का शिकार न हो।

यदपि मांगने वाला के पास तो कुछ खोने को होता ही नही है वह तो सबसे कह चुका होता है कि उसके पास कुछ नही है और सहयोग न करने वाले की प्रकृति को भी अपने के साथ जोड़कर बोलता है इसतरह उसका काम तो होता है। लेकिन वास्तविक बिकल्प के साथ आगे बढ़ने वाले को गुण का विकाश करना होता है जिससे कि वह समय के साथ गुणकारी होकर सहयोगी के रुप मे स्वयं को प्रचारित करे न कि मांगने वाले के भीड़ का हिस्सा बने।

व्यवहारिक प्रकृति हमें कुछ समाज से मिलता है तो कुछ हमे स्वयं के शारिरीक गुणात्मक पहलू से आता है दोने मिलाकर हमारी जो प्रकृति बनती है हम उसी के रुप मे समाज मे जाने जाते है। यदि विकाश ही पैमाना है तो फिर आपको सोचना परता है कि आप क्यो नही आगे निकल सके।

  • दस्तक हमारी व्यहार के सर्वोत्तम पहचान के रुप मे हमें दुर तक ले जाती है इसे समझने की जरुरत है।
  • संतुष्टी और सहयोग हमें जीवन मे आगे बढ़ने का एक बेहतर माहौल बनाता है हमे सर्तक रहना होता है।
  • बिंदास जीवन यापन करने वाले के भोलापन को समाज के असंतुष्ट लोगो का सामना तो करना ही परता है।
  • आशा की किरण हमें जीवन मे आगे बढ़ने के लिए एक जरुरी उपाय समझाता है इसके लिए आगे आना होगा।
  • आनंद के मोती हमारे जीवन मे उल्लास के साथ गहरे एहसास को जगाता हुआ हमे तरंगित करता जाता है।
  • मेहदी की मुस्कान हमारे तरंगित मन को खिलने का मौका प्रदान करता है जिससे हम निखर जाते है।
  • जीवन मे तप औप ज्ञान के जरीये कुछ भी असंभव नही जान परता है इसे साधने की जरुरत है।
By sneha

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