25
Jan
भगवान भोलेनाथ को जल प्यारा है। शुद्ध जल को व्यवस्थित तरीके से भगवान को जलाभिषेक के बाद मन में शीतलता का भाव आता है। कहते है की जब भागीरथी के कठोर तप से गंगा स्वर्गलिक से धरती पर अवतरित हुई थी तो उसके तेज धार को रोकना संभव नहीं था। तब भगवान शिव ने अपनी जटा में गंगा को समेट कर मानव कल्याण के लिए गंगा की निरसित किया था। बहती जल धारा जीव जगत के लिए जीवन का आधार है। बहुत सारे पशु पक्षी अपना प्यास बुझाने के लिए बहता जल का ही उपयोग करते है, लेकिन उनकी जरूरत…