Marriage Anniversary

Marriage Anniversary

Oplus_131072 शादी की पहली सालगीरह गृहस्थाश्रम जीवन की शुरुआत शादी से ही होती है। परिवारीक जीवन के अनमोल मोती इसमे पिरोये रहते है। जीवन के हर विधा को यहां संयमित और नियंत्रित किया जाता है। कहा जाता है कि एक संपुर्ण जीवन जीने के लिए वैवाहिक जीवन जरुरी है। वैवाहिक जीवन एक वंधन होता है जिसकी चुनौतियो को साधते हुए एक कुशल जीवनयापन से जो समाजिक आदर्श स्थापित होता है उससे अधिक मुल्यावान किसी और को नही माना जाता है।    इस मुल्यावान जीवन के कई स्तम्भ है जिसको की सही तरह से समझते हुए जीवन मे आगे बढ़ना होता…
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Atmhatya ki prabriti

Atmhatya ki prabriti

Oplus_0 आत्महत्या की प्रवृति     आधुनिक समय मे जीवन की चुनौतियां बढ़ी है जिससे आगे बढ़ने के लिए लगातार सार्थक प्रयास की जरुरत होती है। पर इतना ही काफी नही है इसके अलावा भी उच्च कोटी के प्रयास की जरुरत होती है जिससे की प्रतियोगिता मे आगे निकल सके। सफलता के मानडंड को पुरा करने के लिए इस तरह के प्रयास को शुरु से ही ध्यान देना होता है जिससे की लक्ष्य को समय से साधा जा सके।    जीवन की इस आपधापी मे होने वाले तनाव को झेलने के लिए सामर्थवान होना जरुरी है। इसमे किसी भी प्रकार की कमी…
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न्याय की देवी

न्याय की देवी

न्याय की देवी Oplus_0    न्याय सबको सहज और आसानी से प्राप्त हो जिससे समाज के अंदर विश्वास के साथ समरसता का भाव को जागृत किया जा सके। जिससे सत्य और निष्ठा को स्थापित किया जा सके। भारत एक विशाल देश है इसमे समाज के विभिन्न वर्ग के लोग विभिन्न प्रकार के वेशुभुषा, भाषा, रहन सहन के साथ रहते है। इसके विच होने वाली आपसी तनाव और समस्या के निदान के लिए एक उच्च स्तर के न्यायिक व्यवस्था की जरुरत होती है। इसी व्यवस्था को बनाये रखने के लिए न्याय के प्रतिक को स्थापित किया जाता है। इसमे न्याय होने…
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Bewildered

Bewildered

किंकर्तव्यविमुढ़ता Oplus_0 लक्ष्य को साधित करने के बाद उसको पाने के लिए किये जा रहे प्रयास मे जब वाधा उत्पन्न होती है तो व्यक्ति सामाधान ढ़ुढ़ता है। यही पर किंकर्तव्यविमुढ़ता की स्थिती आती है। व्यक्ति के अंदर समाधान के लिए गुण की कमी, संसाधन की कमी या व्यवस्था की कमी जैसी अनेको समस्या आ खड़ी होती है। वह ऐसे चौराहे पर खड़ा होता है जहां से अनेको रास्ते निकलते है सभी रास्ते मे कुछ कमी और कुछ सही नजर आता है।   यहां पर व्यक्ति को अपने सोच, कार्य करने की क्षमता तथा उपलब्ध व्यवस्था के अनुसार उपयुक्त जानकारी को…
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new rose

new rose

Oplus_0 ताजा गुलाब प्रकृति की सुषमा मे कई रत्न ज़ड़े परे है हमारी समझ जहां तक जाती है हम खुद को धन्य समझते है कि हमने अपनी जीवन की एक अनोखी यात्रा पुरी कर ली। जीवन के आदी और अंत का कोई आता पता नही है लेकिन जीवन के प्रवाह सतत जारी है। अध्यात्म ये कहता है कि जीवन का आना जाना लगा रहता है प्राणी को अपने उतकृष्ट कर्म करने चाहिए जिससे की उसके द्वार किया गया सतकर्म मानव समाज के लिए एक प्रेरण स्त्रोत बने।  प्राकृतिक रत्नो को जब ज्ञान प्रकाश से देखा जाता है तो उसकी वास्तविक…
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Bihar election 2025

Bihar election 2025

Oplus_131072 बिहार चुनाव 2025 बिहार चुनाव 2025 कई मायने मे खास रहा। चुनाव के नतीजे ने सभी को चौका दिया। जनता का अचानक बदला हुआ बिचार किसी को समझ नही आया। एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत नही आया जवकि एक गठवंधन को बहुमत प्राप्त हुआ है। बिहार की वर्तमान राजनिति मे कोई भी ऐसा पार्टी नही है जो अपने दम पर पुर्ण बहुमत का दावा कर सकती है। बिहार मे इसके कई कारण है। इन्ही कारणो के कारण आज एक तरह के विचारधारा वाले लोग एक समुह बनाकर चुनाव की पटकथा लिखते है।    बिहार चुनाव की ये स्थिति विगत…
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भाव का प्रभाव

भाव का प्रभाव

Oplus_0 भाव का प्रभाव भाव का बड़ा ही गहरा प्रभाव होता है। हमारे शरीरिक व्यवहार को धीरे - धिरे यह बदल देता है। भाव हमारे मानसिक पटल पर जब आता है तो हमारी खुशी को यह संंचालित करने लगता है। जिससे हमारा झुकाव भी उसी तरह हो जाता है। झुकाव के बाद हमारी मनःस्थिति भी उस तरह की बन जाती है क्योकि हमे अपने भाव मे रहना अच्छा लगने लगता है। भाव का संचालन हमारी शरीरिक विशेषता के कारण होता है। इस तरह हम स्वभाविक बृति के साथ रहते हुए एक खास तरह के गुण के धनी हो जाते है…
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तेरे द्वारे

तेरे द्वारे

तेरे द्वारे   भक्ति भाव मे विहल मन को जब मनवांक्षित फल नही पाता है जो वह उद्दीग्न हो जाता है फिर मन की अपनी ही गति परिलक्षित होने लगती है। भक्त लगातार अपने मन पर नियंत्रण की कोशिश करता रहता है। इन्ही कोशिश मे उसे लगता है कि उसको किसी सहारे कि जरुरत है तो वह अपने आराध्य की ओर ध्यान करता है। अपने आराध्य की ध्यान को अपनी ओर करने के लिए वह स्वयं की भाव भंगिमा मे वशिभुत कर लेता है जिससे की भाव प्रधान मन की उदिग्नता शरीरिक रुप सज्जा मे विघटित होकर एक उन्नत विचार…
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Encourage

Encourage

हौसला चाहिए      हौसला हासिल करने के लिए व्यक्ति को स्वयं के अंदर विश्वास पैदा करना परता है। इसके लिए हर छोटी सी छोटी बात को पुरा विश्वास के साथ करते हुए आगे बढ़ने की जरुरत होती है जिससे की किन्तू परंतु का कोई प्रश्न नही रहना चाहिए। हर कार्य को करने के लिए कार्य उत्साह के साथ योजनावद्ध तरीके से कार्य करने की ततपरता के मद्देनजर कार्य की समुचित ज्ञान होने से हौसला बनने मे देर नही लगती है। हल्की सी प्रत्साहन कार्य शक्ति को जागृत कर देती है। कार्यानुमुख होने के लिए जो निशा-निर्देश मिलते ही व्यक्ति सक्रिय…
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उलझन

उलझन

उलझन उलझन यदि सही समझ न हो तो ये कभी समाप्त नही होती है। उलझने की प्रक्रिया आंतरिक होती है। हमारे निर्णय लेने की क्षमता को ये दर्शाता है। कार्य का आनंद हमारे बुदधी, विवेक और कार्य क्षमता पर निर्भर करती है। हमारे जो ये आँतरिक शक्ति है वही हमे ब्राह्य वातावरण की पुरी जानकारी को डाटा के रुप मे हमारे अंदर संचित करती है जिसके सहारे हम सही निर्णय ले पाते है। यदि हमारी ज्ञानेनद्रिया सही रुप से कार्य नही करती या संग्रहित डाटा़ को विश्लेषित नही कर पाती तो उलझन की समस्या आती है। हमारे द्वारा किये गये…
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