दोस्त की श्रधांजली
दोस्त आपकी सम्पुर्ण यादो को पुर्ण रुप से संकलन करना संभव नही है लेकिन आपके यादो को एक रुप देकर आपनो तक संदेशा पहुंचाना जरुरी है। ताकि सबके भाव एक दुसरे मे समाहित हो जाये। हमारे द्वारा यह काव्य संकलन इसीमे किया गया एक छोटा सा प्रयास है। दोस्त के खालीपन को भरना संभव नही है। क्योकि बिता कल वापस नही आता बस आती है तो जाने बाले की यादे। ये ओ दौलत है जो एक दोस्त को एक-दुसरे से अलग करता है। यादो का भंडाक दोस्ती की सौगात होती है। जिसमे हम बिते पल को फिर से जिवंत बना देते है। जोये पल की एक धुंधली तस्वीर आकर हमे जगाती है तथा यह याद दिलाती है कि जिवन प्रगतिशिल है। हर पल को अपने सांचे मे ढ़ाल लो जो तुम्हारी याद बनने वाली है। जय दोस्ती
लेखक एवं प्रेषकः- अमर नाथ साहु
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