दोस्ती का सफर- श्रधांजली

दोस्ती का सफर- श्रधांजली

यह संकलन हमारी दोस्ती सफर के अंतहीन कहानी को कहता एक संकलन है जिसका यहां बर्णन है। दोस्ती की यादगार पल को सावित करने वाली कविता एक अनुपम उपायेदान है।

दोस्ती को श्रधांजली देना एक कठिन पल है क्योकि उनका साथ कई अनसुलझे पहलु को सही रुप से देखने तथा उसपर बीचार करने के कुशल अनुरोध जो मिलता था वह अनुपम संयोग होता था। आज ओ पर नही है पर उनता याद हमे उनकी कमी को दर्शाता है। जिसका निरुपन यहां किया जा रहा है। कविता के रुप मे यहां हम अपना बिचार कविता के रुप मे रख रहे है।

दोस्ती का सफर दोस्त के साथ ही खत्म हो जाता है, ऐसा मानना हमे उनकी यादो को मिटाने के जैसा लगता है। लेकिन यादें ना मिटे इसके लिए हमों दोस्ती की सफर को समझना होगा। हमारा एक छोटा प्रयास इसी को बतलाने का संकलन है। जिवन के बाद आत्मा की कहानी कहता यह कविता अपने आप मे पुरी गाथा गाता है। मानवता की गांठ को खोलकर उसके अंतहीन सफर को कहता है। हे मानव तु एक शरीर नही है। तु तो एक शरीर तथा आत्मा को मिलकर बना एक जिवात्मा है। जिसमे सम्पुर्ण मानव की कलात्मकता नीहीत है। तु अपने को समझ एक अंतहीन सफर की कहानी को याद करने के लिए प्रयास कर। दोस्ती का सफर भी हमारा स्वभाव हमारी प्रकृती का एक आईना होता है जिसमे हम अपनी प्रतीबिम्ब को स्पष्ट देख सकते है। हमारा कल अच्छा हो इसलिए हम आज के साथ न्योचित व्यवहार करने का  प्रयास कर सकते है।

दोस्त और दोस्ती हमारे जिवन यात्रा का साथी है। हम कही न कही अनजानापन महसुस करते है। वहां जो हमे सराहना मिलता है, उसे हम दोस्ती की संज्ञा देते है। समय के साथ परिवर्तन वाला यह रिस्ता यादगार रहता है। दोस्ती के कई आयाम है लेकिन नाम एक है। निहित स्वार्थ से भी दोस्ती होती है और निस्वार्थ से भी। दोस्ती करने वाला की भावना प्रधान यह रिस्ता अपना गाथा खुद गाता है। कुछ दोस्ती ऐसी जो इतिहासिक है। जिसका उपमा हम आज भी देते है।

      दोस्त ऐसा मिले जो आपके बिचार का हो तो अच्छा चलता है। लम्बे समय तक बिचार का आदान प्रदान होता रहता है। एक दुसरे के दर्द को समझने तथा समझाने का एक मौका मिलता है। समय के साथ आगे भी निकलता है। दोस्त से अच्छा मार्गदर्शक किसी को नही माना गया है। निःस्वार्थ बिचार वान दोस्त कहते है किस्मत वालो को मिलता है। जिसने दिस्ती निभा दी, उसकी मिशाल भी दी जाती है।

 आज राष्ट्र को एक ऐसे दोस्त की जरुरत है, जो बिश्वास के साथ साथ हमारा साथ भी दे। हमारा संकल्प हमारी शक्ति बनकर उभर रहा है। एक संदेश हमारे राष्ट्रीये बिचार का जो फैला है, उसे कई हाथ दिस्ती के मिले है। तृतिये विश्व युद्ध के इस दौर मे यह एक प्रमुख भुमिका निभा रहा है। जैविक बम का मुकाबला करने के लिए कई राष्ट्र आगे आकर मुकाबला कर रहे है।

   आज का हमारा लेख जन जिवन को सबारता सराहता हुआ एक संदेश है, जो हमारी दोस्ती की उर्जा शक्ति को गुणित करता रहे। अनंत आकाश तक बिचरने वाला यह संदेश युग युग तक बिचरता रहे तथा जन मानस को स्पंदित करे इस बिश्वास के साथ हम यह कविता आप तक पहुँचा रहे है। जय हिन्द

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लेखक एवं प्रेषकः- अमर नाथ साहु

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By sneha

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