
क्रिसमस का त्योहार वड़े हर्षोउल्लास के साथ पुरे विश्व मे मनाया जाता है। इशा मसीह के जन्मदिन पर मनाये जाने वाला ये त्योहार इसाई धर्म के लिए सबसे बड़ा त्योहार है। अपने जीवन को उतकृष्ट बनाने के लिए स्वयं को संयमित करने की प्रेरणा लेते हुए एक दुसरे को उत्साहित करते है। यह त्योहार जीवन को सत्य के साथ हमेशा आगे बढ़ने की पेरणा देता है। यदि स्वयं पर विश्वास हो तो जीवन की कठीन से कठीन परिस्थिती को भी जीता जा सकता है। वाधायें आती है तो उसका समायोजन भी समय ही देता है बस स्वयं को प्रतिवद्द करना होता है। जीवन को योजपुर्ण बनाने के लिए साल मे एक बार इस उत्सव मे भाग लेते है।
क्रिमसम के त्योहार को मनाने के लिए क्रिसमस ट्री का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। शांता क्रोज के रुप मे आम लोगो के बिच उत्साह को बढ़ाने के लिए इसका बहुत योगदान होता है। लोगो मे इसके प्रति उत्साह देखा गया है। इस त्योहार को उत्सव के रुप मे मनाया जाता है। सत्य को सामाज के बिच स्थापित करन के लिए जिसने खुद को समर्पित कर दिया उसके प्रति समाज का नजर ने सर्वोच्च सम्मान दिया और आज उसके बताये कदमो पर चलकर एक नवीन समाज की शुभारम्भ हुआ। आज भी समाज उनके बिचारो से प्रेरणा लता है और आगे बढ़ने के लिेए उत्सुक रहता है। यो त्योहार भारत मे भी मानाया जाता है पर इसमे भारतीय संस्कृति की छाप नही मिलती है। इसके मानाने के अपने रिती रिवाज है जिससे वहां के समाज को यह ज्यादा प्रभावित करता है।
वैश्विक स्तर पर आजकल धर्म का,विस्तार बड़े तेजी से एक देश से दुसरे देश मे हो रहा है। लोगो अपने विचार को स्वतंत्र रुप से रखने की आजादी भारत मे है क्योकि भारत एक धर्मनिपेक्ष राष्ट्र है। यहां के लोग सर्वधर्म समभाव के साथ रहते आये है और रहते है। समय के साथ होने वाले परिवर्तन से भारत भी अछुता नही रहा है। भारत के पौराणिक काम मे विकाश की जो गाथा लिखी गई थी आज ओ फिकी पर गई है। आज के दौर मे हमे टटस्थ होकार समाज निर्माण के प्रति जिम्मेदार होना होगा जिससे की एक उन्नत समाज का निर्माण किया जा सके।
लेखकः अमर नाथ साहु
- आशा की किरण जीवन को रौशन करती है।
- भाव के मंदिर जीवन को एक अर्थ देता है।