31
Mar
आनंद के मोती जीव को हमेशा बातावरण के साथ संतुलन बना कर रहना होता है साथ ही उन्नत कर्म कौशल से जीवन को आगे ले जाते हुए स्वयं को उर्जावान भी रखना होता है। इसके बीच ही हमे आनंद की गहरी अनुभुती भी करनी होती है। यह सिर्फ चाहने से नही बल्की सतत प्रयास के योग सधना से ही इन खुशीयों के प्राप्त किया जा सकता है। आनंद के मोती से मेरा तातपर्य था की निराश व्यक्ति के पास सही मार्गदर्शक की कमी होती है जिससे उनकी निराशा उनके आंनंद के पल को समझ ही नही पाती है या उनकी…