18
Mar
05
Mar
जीत का घोड़ा जीत के घोड़ा दौराने वाले का चिंतन मनन विशिष्ट होता है। उसका हर कार्य उसके संकल्प की दिशा से निर्दिष्ट होता है। जिससे वह पल की पल को सहेजता हुआ आगे बढ़ता है। हर कदम पर आने वाली बाधाओं का समाधान करता हुआ वह आगे बढ़ता जाता है। जिससे उसका हौसला बुलन्द होता जाता है। जिससे उसके कार्य उर्जा का स्तर भी लगातार उँचा बना रहता है। उसके शारीरिक मानडंड से लेकर सारे क्रिया-कलाप उसके अपने नियंत्रण मे होते है। इसलिए स्वयं आंकलन उसके द्वारा लगातार किया जाता है। वह अपने मन को खुली छुट नही देता…
04
Mar
युवा और युद्द युवा होने के साथ ही अंदर की हलचल और बाहर की उथल-पुथल के साथ जीवन को उच्च स्तर से जीने की चुनौती का सामना करना होता है। इसको सही तरह से हल करने के लिए समाज मे स्थापित परंपरा के साथ हमे चलना होता है साथ ही हमे नये संभावना भी तलासने होते है। कुछ नया करने के धनी लोग विभिन्न तरह के विचारो के साथ स्वयं को स्थापित करने की कोशिश मे कुछ सफल हो जाते है तो कुछ असफल होकर एक प्रश्न को जन्म दे जाते है। समय के साथ जीवन को समुन्त करने के…
04
Mar
इंतजार की उदासी इंतजार हमे बहुत कुछ सीखा देती है क्योकी किसी कार्य को होने के लिए उसका अपना एक समय होता है और हमें उससे जुड़ने के लिए इंतजार करना परता है। लेकिन कभी-कभी ये इंतजार काफी लम्बी हो जाती है जो हमारे सोच के दायरे मे नही आता है। इसका कारण हमें सिमित दायरे मे रहकर सोचना से जुड़ा होता है। हमारी अपेक्षा इतनी बढ़ जाती है कि हम ज्यादा गहरा सोचना ही नही चाहते है क्योकी इससे होने वाले परिणाम को हम स्वीकार नही कर सकते है। संभावना के साथ होने वाले परिवर्तन के लिए यदि हम…
04
Mar
प्राकृतिक रिस्ते प्राकृति मे होने वाले उथल पुथल से हम प्रभावित हए बिना नही रह सकते है। हमें इसका ध्यान रखना परता है। जितना ही अधिक जानकारी हम इसका रखते है उतना ही हम सुखी रह सकते है। हमारे चारो ओर प्रकृति प्रदत वस्तु मौजुद है। यहां तक की हम भी प्रकृति के ही अधिन है और वातावरण के साथ लगातार संयोजित होते रहते है। प्रकृति के साथ हमारा सबंध प्यार का है यानी की हमारी जीवन और जीवन से जुड़ी सारी खुशी के लिए हम इसपर ही निर्भर करते है। जो लोक प्राकृतिक आवास और मौसम के बिच रहते…
03
Mar
प्यार की खोज युवावस्था के शुभारम्भ के साथ ही प्यार की सुगबुगाहट होने लगती है। कुछ प्यार मे सफल हो जाते है तो कुछ सफलता के मझदार मे उलझ जाते है। इन उलझे को सुलझने की जरुरत है जिससे की जिन्दगी की नैया को पार लगाया जा सके। वस्तुतः प्यार को चाहने वाले की समझ कुछ अलग होती है। वह अपने कार्य के प्रती ज्यादा जुराव रखते है। उसमे इसके करने के प्रति एक जजवा होता है। जिसे पा जाने के वाद उसके विकाश की दिशा उतरोत्तर हो जाती है। यदि व्यक्ति भूखा हो तो उसको प्यार की चाहत नही…
29
Sep
सुग्रीव बाली गृह स्थल रामायण कालीन समय की गाथा हमारे जनमानस मे बड़ा ही गहरा स्थान पा चुका है। हमारे रहन-सहन से लेकर हमारी पुजा-पाठ तक की बिचारधारा को इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता है। इसके वास्तविक होने के प्रमाण दिये जाते रहे है। यदि ऐसा सुनहरा जगह मिल जाय जिससे की इस कथानक के किरदार के बारे मे जानकारी हो तो मन मे उतावलापन तो देखने को मिलता ही है। ऐसे ही एक वाक्या बाली-सुग्रीव के बारे मे कही जाती है। बाली-सुग्रीव के रामायण कालीन समय के गृह स्थल को देखने का मौका मिला। पता चला की…
11
Aug
बिंदास पल मन बड़ा ही चंचल और स्वछंद होता है। वह हमारे आसपास घटित होने वाली घटना के अत्यंत बारीक बदलाव से भी प्रभावित हो जाता है। उस भाव को आत्मसात करना या छोड़ना हमारे वर्तमान परिस्थिती के हमारे अनुवंध पर निर्भर करता है। लगातार हो रही इस प्रकार की घटना से हमारे अंदर एक नाकारात्मक बिचार की द्वंध बढ़ने लगता है जिसके कारण हमारे निर्णय की शक्ति प्रभावित होने लगती है और तनाव के शुरुआती भाव हमारे ऊपर दिखने लगता है। इस भाव से निजात पाने के लिए हमें एक युक्ती से गुजरना होता है जिसके बाद हमारे भाव…