


करोना की दुसरी लहर
करोना विमारी एक बहुत बड़े महामारी के रुप मे फैला। यह अवतक की सबसे धाकत विमारी सावित हुई। वैश्विक स्तर पर सभी देश इससे प्रभावित रहे। इसके बारे मे पुरी जानकारी को आने मे जितनी देर लगी उतने मे ही यह एक बड़े पैमाने पर फौल गया। इसके वाईरस मे लगातार बदलाव देखा गया। एक तरह के वदलाव से जब विमारी थोड़ी कम मालुम हुआ तो दुसरी लहर से मृत्यू की दर बढ़ने लगी। करोना विमारी को फैलने का स्त्रोत चाईना के बुहान को माना जा रहा है। लेकिन इसकी आवतक कोई प्रमाण नही मिलने की बात कही जा रही है। लेकिन इसका विस्तार भी वही से हुआ।
अवतक के ज्ञात स्त्रोत के हिसाव से ये चमगादर से मानव मे फैलने वाला वाईरस रोग सांस के द्वारा एक दुसरे मे फैल जाता है। इसके लिए लागातार मा्स्क लगाकर बाहर निकलने के लिए कहा जा रहा है। भीड़ भाड़ इलाके मे जाने से लोगो को मान किया जा रहा है। भीड़ भाड़ इलाके मे एक दुसरे के काफी करीव रहने से परेशानी और बढ़ने की संभावना है। स्वस्थ्य लोग भी कैरियर का कार्य करते है जवकि उसके अंदर करोना के लक्षण नही होते है पर वो दुसरे को करोना विमारी को फैला सकते है। इसका लगातार बचाव ही उपाय है। आवतक के इलाज से कोई खास फैदा नही हो रहा है।
फेफरा के अंदर पानी भर जाने से विमारी को सांस लेने मे काफी कठीनाई होती है। करोना की दुसरी लहर पहले से भी धातक बताई जा रही है। इसको दुर करने के लिए वैक्सीन विकसित किये जा रहे है जिससे की लोगो मे एम्युन सिसटम विकसित होगा तो विमारी को दुर करने मे सहायक सिद्ध होगा। लगातार टिवी न्यूज से लोगो मे डर व्यापत है लोगो मिल रही मौत के आंकड़े डराबने लगते है। डर से भी लोग परेशान है। इलाज की विवसता तो और परेशान करती है। डाक्टर भी इस तरह से रोगी से दुर रहने की कोशीश करते है।
सावधानी ही सुरक्षा है। भला हो उस इन्सान को जिसने मानवता के लिए इस धातक विमारी को शुरुआती मे ही रोकने की असफल कोशीश की। आज सारा संसार इस त्रासदी से परेशान है। ये दुखत यादगार पर इतिहास को सदा झकझोरता रहेगा।
लेखक एवं प्रेषकः अमर नाथ साहु
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- करोना की वर्षि मनाई गई इस धातक विमारी को याद किया गया।
- करोना बम को फटने से पुरा संसार त्राहीमाम मे त्रस्त हो गया।
- लोग खुद की तलाश मे लगा रहता है जवकि सवको अपना कहता है।
- हवा का झोंका सवको परेशान करता है सावधानी की जरुरत है।