करोना की वर्षी

करोना की वर्षी

करोना की बर्षी

करोना की बर्षी साल 2021 के 23 मार्च को मना। इसी दिन 2020 को भारत मे लांकडाउन की शुरुआत हुई। जिसके बाद से लगातार हमलोग करोना के संक्रमण का समाना कर रहे है। कहा जा रहा है कि करोना के नया स्ट्रेन के आने के कारण यह सब हो रहा है। कोरना के संक्रमण के समय होने वाले लक्षण मे भी बिभिन्नता देखने को मिलता है। कोरोना संक्रमण के बाद ठिक हुए लोगो मे भी कई तरह के बिसंगतियां देखने को मिल रहा है। करोना के बारे मे 2020 के समय कही गई बातो का संकलन हम अपने कविता मे कर रहे है। आजकल बिज्ञान का युग है। हमारे सुचना का माध्यम काफी तेज तथा सटिक भी है। इसके बाबजुद लोगो मे करोना संक्रमण को लेकर एकरुपता नही है। बिज्ञान के ठोस दावो को भी लोग अपनी समझ की कसौटी पर कसने के बाद अपनी बिचार का संचार करते है। लोगो मे एक दुसरे के बिचार मे भिन्नता देखने को मिलता है। इसका कारण कुछ लोगो को तर्क करके अपने बिचार को रखना है। उसका तर्क उनकी अपनी सम्पत्ति है। जिसे उसने अपने जीवन काल मे हासिल किया है। हमने कई लोगो को ऐसे तर्क के बारे मे जवाव भी दिया, लेकिन पुरी बात को उसके समझ तक पहुँचाना एक कलात्मक संवाद लगा। उनके निरुत्तर होने के बावजूद उन्हे खुद का बिश्वास बनाने मे समय लगता है। समग्र भाव को एक कविता का रुप देकर हमने अपने बिचार को संकलित किया है।

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लेखक एवं प्रेषकः- अमर नाथ साहु

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By sneha

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