प्यारी भाभी

प्यारी भाभी

देवर भाभी का आधुनिक समाज मे रिस्ते मे तल्खी देखने को मिलती है। बिज्ञान के विकाश के साथ ही बिश्वास की अवधारणा भी बदलने लगा है। रामायण काल के सामाज मे भाभी को मां का दर्जा दिया जाता था। लेकिन महाभारत मे इसकी परिभाषा बदल गई। द्रौपदी पाँच भाई से शादी करके इस रिस्तो को नया मुकाम दिया। आधुनिक काल मे मानव समाज के नित्य बदलते व्यवहार से नयी नयी सोच के साथ रिस्तो को टुटते बनते देखते है। लेकिन आज भी एक स्वस्थ्य समाज मे देवर भाभी के अनेखे रिस्ते देखने को मिलता है।

परिवार को राष्ट्र के विकाश की एक ईकाई कहा गया है। यहां जो रिस्तो मे भाव बनता है तथा इसकी सम्रगता जो स्थापित होती है उसी से हमारे राष्ट्र के निर्माण की अवधारण पुरी होती है। देवर भाभी के बैचारिक रिस्तो मे यदि पारदर्शिता रहती है तो परिवार का बौधिक के साथ-2 आपसी संबंध भी सुदृढ़ रहता है। यदि संशय आशाका का माौल बनता है तो परिवार को बिखरने मे देर नही लगत है।

पारदर्शिता और ईटरनेट ने लोगो को जो खुलापन का एहसास कराया है वहां से अनुशासन को बनाये रखना एक चुनौती बनता जा रहा है। एक भाभी यहां अपने देवर के उच्चश्रिंख बिचार को बड़े योगपुर्ण तरीके से सामाधान निकालकर परिवार के संबंध मे सुदृढ़ता लाती है। यह एक प्रयास मात्र है। कोशीश तो हर स्तर पर होनी चाहीए जिससे की स्वस्थ्य सामाजिक रिस्ता का निर्माण हो। जिससे की हमारी संस्कृति की उन्नत परकाष्ठा बनी रहे।

भाभी के नोक झोंक को दर्शाता यह काव्य लेख आपको उत्साहित तथा मनोरंजित भी करेगा। नोक झोंक से रिस्तो पर पड़ी धुल हट जाती है। कई तरह की समस्या का समाधान निकालने मे भी हमे एक दुसरे का सहयोग मिलता है। दैहिक और मानसिक संबंध मे मानसिक संबंध को स्थाई तथा बिभिन्न परिस्तिथी मे बना रहने वाला माना जाता है। इसमे बिकाश की आपार सम्भावना छिपी होती है। यह योग जीवन के किसी भी अवस्था मे व्यवस्थित होकर हमे उत्साहित तथा उल्लासित करता है। शारीरिक संबंध के दुरगुण अनेक है लेकिन शारीरिक व्याकुलता के असहनयिता ही हमे अवगुण के तरफ धकेलता है जिससे जीवन मे बिसंगती आती है।

भटकते को ठहराव की और रेखांकित करता ये काव्य लेख हमारे लिए एक उपयोगी समाधान को रखता है।

नोठः इस काव्य लेख को अपनो तक जरुर भेजे जिससे की उसका भी मार्गदर्शन हो सके।

संबंधित लेख को जरुर पढ़ेः-

  1. गुलाब का जादू कव्य लेख प्यार के एक गहरे एहसास की कहानी को व्यक्त करता एक उन्मादी रागीनी की गाथा है।
  2. मुझे प्यार दो काव्य लेख चाहत के व्यथा को नायिका द्वारा संवाद को निरुपित करता व्याख्या है।
  3. सिन्दूर की परकाष्ठा को समझाती नायिका एक योगपुर्ण व्यवहार को दर्शाती है।
  4. बधाई संदेश शादी के नयो जोड़े को देता ये काव्य लेख एक भावपुर्ण बिचार को संबाद के रुप मे रखता है।
  5. हवा का झोंका एक व्यथिक दिल की याचना को कहता काव्य लेख उपयोगी समाधान निकालता है।
  6. प्यार कौन करता है का जवाब तलाशता यह प्रश्नावली आपको संयमित करेगा जवाब के लिए।

By sneha

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!