व्लाज पे मेरा दिल
बिचार प्रधान इस उक्ती मे संस्कार की बात कही गई है। अपके बिचार के अनुरुप ही आपका पहनावा होता है। इसलिए आपके बिचार का सही होना जरुरी है। इस जोगीरा मे जिस बात को कहा गया है। उससे नायिका के उच्चश्रंख होने का गुण जाहीर होता है। जिसका समाधान निकलने के बाद वह सतर्क हो जाती है।
इस जोगीरा से कहा जाता है कि आप अपना बिचार के साथ व्यहार का भी माप सही रखीये जिससे कि जिवन मे आन्नद का प्रवाह बढ़ जाये।
नोटः- आप इस लिंक को अपनो तक जरुर प्रेषित करे जिससे की उसका भी कल्याण हो सके।
लेखक एवं प्रेषकः- अमर नाथ साहु
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