
शादी की पहली सालगीरह
गृहस्थाश्रम जीवन की शुरुआत शादी से ही होती है। परिवारीक जीवन के अनमोल मोती इसमे पिरोये रहते है। जीवन के हर विधा को यहां संयमित और नियंत्रित किया जाता है। कहा जाता है कि एक संपुर्ण जीवन जीने के लिए वैवाहिक जीवन जरुरी है। वैवाहिक जीवन एक वंधन होता है जिसकी चुनौतियो को साधते हुए एक कुशल जीवनयापन से जो समाजिक आदर्श स्थापित होता है उससे अधिक मुल्यावान किसी और को नही माना जाता है।
इस मुल्यावान जीवन के कई स्तम्भ है जिसको की सही तरह से समझते हुए जीवन मे आगे बढ़ना होता है। विश्वास इसका पहला स्तंभ है जिसपर पुरे वैवाहिक जीवन की नीव टीकी होती है। दुसरा स्तंभ है सम्मान जो एक दुसरे को एक संयुक्त वंधन मे बांधे रखता है। तीसरा स्तंभ है कर्तव्य परायनता इसमे व्यक्ति को अपने नियत कर्तव्य से कार्य को करते हुए एक दुसरे को प्रति सम्रर्पित रहना होता है। चौथा स्तंभ है निष्ठा इसमे एक दुसरे के प्रति गहरे लगाव की अनुभुती दिखने चाहिए। पुर्ण समर्पण के साथ एक दुसरे को प्रभावित करने की प्रेरणा आंतरिक लगाव को बढ़ा देता है। पांचवा स्तंभ है ताजगी इसमे आपसी रिस्तो के उपर जमी परत को लगातार हटाना होता है और एक नयी सुवह की नयी ताजगी का एहसास करना होता है। जिसमे व्यक्ति मंत्रुग्ध हो जाता है। यह एक कलात्मक योग है जिसको पाने के लिए विशेष प्रयास की जरुरत होती है।
शादी के साल दर साल वितने के साथ उम्र की थकान और परुवारिक उलझन की व्यवधान को कम करते हुए मुस्कुराना होता है। भारत मे कई तरह के पर्व त्योहार का आयोजन होता है। इससे एक दुसरे को करीव से समझने का मौका मिलता है जो व्यवहारिक जीवन के एक अर्थ देता है। ये त्योहार आपसी सम्बन्धो की समीक्षा को दर्शाता है जिसमे एक दुसरे के प्रति गहराई की नवीनता प्रदान करना होता है जिससे खुशी लड़ीयां लगातार बनी रहे। समाजिक चुनौचियो का सही से सामना करते हुए जीवन के उच्च आदर्श के प्राप्त किया जा सके।
परिवार सामाज का आधार होता है। परिवार की शुरुआत शादी से होती है जिसकी मजबुती जरुरी है। शादी की शालगीरह के दिन मन एक बार फिर पुराने दिन के ख्यालो को याद करती है जिसमे एक अजानापन एक नई उम्मीद के साथ एक दिल दो जान बनते है। अपने बजुद की ठोस आधार आपना प्यार ही होता है इसको जीवित रखने की चुनौती दोने को होती है जिसको बखुवी निभाना भी होता है।
आपसी नोकझोक के साथ भुले विसरे यादो को एक नयी उम्मीद देते हुए एक नयी शुरुआत करने के लिए यहां प्रतिबद्धता व्यक्त करने की जरुरत होती है। यही संकल्प हंसी खुशी के पल को गुणीत कर देता है। जड़ता उन उम्मीद को कम कर देती है वही शालगीरह की याद उम्मीद जगा देती है। ख्ववो की लम्बी उड़ान को जब यथार्थ की चौखट पे कसी जाती है तो जीवन शांत सुखद और योजपुर्ण बन जाता है। फिर अर्थपुर्ण जीवन दुसरो के लिए आदर्श भी बन जाती है। एक सफल जीवन जीकर जो आनन्द महसुस होती है वह आनेवाले जन्म की उच्चता को गुणित कर देती है।
हम एक सुखद बैविहिक जीवन की कामना करते है जिसमे सुखी दामपत्य जीवन के हर गुण समाहित हो। हर दिन एक नयी उम्मीद जगाये हर उम्मीद खुशी लेकर आये। जिवन मे नविनता बनी रहे। भावाकृत जीवन की समझ कभी कम न हो। आँखे कभी नम न हो। सोन्दर्य़ की मुरत, सीरत और सुरत एक हंसी मे समा विखेर दे और नवीन हर्षो उल्लास से सम्पुर्ण एहसास को नविकृत कर दे। हंसते मुस्कुराते एक नवीन जोडे को हम अपनी आशीश प्रदान करते है और आशा करते है कि हमारी कामना की उड़ान एक मिशाल कायम करेगी जिसमे हमारे उम्मीद हर गुण समाहित होगें। इससे बड़ी खुशी हमे और क्या चाहिए। जय जय हो आप सवकी।
लेखक एवं प्रेषकः अमर नाथ साहु
संवंधित लेख को जरुर पढ़ेः
- तेरा पनाहों मे हर पल कटे यह उम्मीद बंधी रहे।
- साथी और प्यार की गहराई जीवन हर मोड़ पर ससक्त रहे।
- प्यार की खोज प्यार की गहराई को एक नयी एहसास दे।
- खुशी और प्यार यही रहो जीवन का श्रृगार।