Bhabhi

घुंघट की आरजू

घुंघट की आरजू

घूंघट की आरजू घुंघट की मर्यादा को निभाने के लिए बहु संकल्पित होती है जिससे की कुल-खनदान की मान-मर्यादा की रक्षा हो सके। बिचार मे द्वंद्ध होने से बिखराव होता है, खुबसुरती के आकर्षण से लगाव होता है, लेकिन घुंघट के बनाव से प्रेम भरा आशीष का योग बनता है, जो परिवार के विकास के लिए जरुरी होता है। परिवार के सभी सदस्य को अपनी सीमा मे रहकर कार्य करना होता है जिससे की विकास की धारा बहती रहै। धुंघट मे लिपटी बहु की आश बड़ी होती है क्योकि उसको एक सिमित दायरे मे काम करना होता है वांकी के…
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Lovely dear

Lovely dear

प्यारो हो प्यारे हो प्यार की दशा और दिशा को आज के समय मे एक बन्धन मे बांधकर रखना चुनौती है क्योकि जीवन की समझ को विज्ञान ने बदल दिया है। बदले हुए सोच से आगे बढ़ने की ललक तीव्र है साथ ही शारीरिक मानडंड को भी पुरा करना होता है। दोनो को साथ ले चलने मे भटकाव का स्तर चरम पर होता है। सुनियोजित व्यहार के साथ आगे जाता हुआ व्यक्ति ही आपने को सही रुप से स्थापित कर पाता है।      स्वयं को स्थापित कर लेने के वाद भी उसका ये अभियान नही रुकता है वह समय के…
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भाभी के साथ रंग

भाभी के साथ रंग

भाभी के साथ रंग होली हिन्दुओ में आपसी भाईचारा को स्थापित होने के लिए मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध पर्व है जिससे आपसी बिद्वेश को कम करने के लिए एक दूसरे को उत्सहित किया जाता है। इससे एक पौराणिक कथा भी जुड़ा हुआ है। जिसमे होलिका का अंत हो जाता है तथा प्रहलाद को जीवन दान मिलता है। व्यवहारिक रुप मे होली आपसी भेदभाव को मिटाने का माध्यम है। रिस्ते में प्रगाढ़ता को बनाता देवर भाभी के रिस्ते का नोक-झोक देखते ही बनाता है। इसी भाव को व्यक्त करता यह काव्य रचना हमको आजकल के सामाजिक नजरीया के खुलापन के…
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प्यारी भाभी

प्यारी भाभी

देवर भाभी का आधुनिक समाज मे रिस्ते मे तल्खी देखने को मिलती है। बिज्ञान के विकाश के साथ ही बिश्वास की अवधारणा भी बदलने लगा है। रामायण काल के सामाज मे भाभी को मां का दर्जा दिया जाता था। लेकिन महाभारत मे इसकी परिभाषा बदल गई। द्रौपदी पाँच भाई से शादी करके इस रिस्तो को नया मुकाम दिया। आधुनिक काल मे मानव समाज के नित्य बदलते व्यवहार से नयी नयी सोच के साथ रिस्तो को टुटते बनते देखते है। लेकिन आज भी एक स्वस्थ्य समाज मे देवर भाभी के अनेखे रिस्ते देखने को मिलता है। परिवार को राष्ट्र के विकाश…
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