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वट सावित्री व्रत

वट सावित्री व्रत

वट सावित्री व्रत    यह व्रत नारी स्वयं को सुहागन बनाये रखने के लिए करती है। सुहागन स्त्री को मानसिक तथा समाजिक दोनो स्तर पर समायोजन पति के द्वारा ही संभव होता है। नारी के मान-सम्मान की रक्षा का प्रभाव पुरुष पर ही होता है। अपने पति को समर्पित पत्नी का जीवन आशा और विश्वास के साथ आगे बढ़ता जाता है। शारीर सौन्दैर्य घटता है तथा विश्वास और टटस्थता बढ़ती जाती है। स्त्री की संवेदना अपने पती के प्रती इतना सुदृढ़ हो जाता है कि वह अपने पति के सिवाय किसी के प्रती सोचना भी पसंद नही करती है। कहते…
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रामनवमी

रामनवमी

रामनवमी भगवान राम का जन्म भारतीय समाज के मर्यादा को मिले उचाई के साथ एक सुखद राष्ट्र नायक के लिए याद किया जाता है। राजा राम मर्यादापुरुषोत्तम है। उन्होने जो समाज मे राष्ट्र के अवधारणा को लेकर जिस समाजिक मुल्य को स्थापित किया उसका मुल्यांकन आज भी किया जा रहा है। यह कार्य तव तक चलेगा जबतक की मानव स्वयं को सवलता प्राप्त न कर ले। राजा राम ने पृतिभक्ति को सर्वोत्तम माना जिसका निर्वाह उन्होने अंत तक किया। अपने भार्या के प्रति अपने जिम्मेदारी को भाव पुर्ण व्यवहार से सराहा। साथ ही राष्ट्र के भावना को उपर रखा। यदि…
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हिन्दी नव वर्ष

हिन्दी नव वर्ष

हिन्दी नव वर्ष भारत एक कृर्षी प्रधान देश है। यहां के वन उपवन से ही सुख और समृद्धी आता है। जिवन को उद्वेलित करने तथा नयापन का एहसास करने के लिए हमारी प्रकृति ही हमारा आधार है। कहा जाता है कि अन्न से आनन्द आता है। फसल के कटकर घर आने के बाद मन मे प्रसन्नता तो आता ही है वाग बगीचे भी प्रकृति के बदलते मौसम को स्वागत करते है। फलदायी बृक्ष मज्जर से लद जाता है। मधु की मादकता चलती है तो किटपतंग परागन के लिए मडड़ाने लगते है। प्राकृत अपने नियम को इसतरह सुचिबद्द किया है कि…
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नया साल

नया साल

नया साल नये साल मे आने वाला पर्व त्योहार पुनः हमें जगाता है, हम जिस भाव और व्यवस्था के साथ पिछले वर्ष मनाये थे उससे बेहतर करने की उम्मीद रखते है जिससे की हमारी उन्नती को उच्च स्थान मिले। समय के साथ हमारी शारिरीक अवस्था भी बदलती है जिससे हमारे अनुभव मे पुर्वेत्तर बिकाश होता है। बिकाश की धारा में निखार लाने की हमारी कोशीश रहती है। यश कृती समय के साथ बिस्तार की पराकाष्ठा को प्राप्त हो इसके लिए बेहतर प्रयत्न करते है। इस गतिशील जीवन को छोटे छोटे टुकड़े मे बांटकर हम खुद को बेहतर करने की कोशीश…
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ओमेंस डे स्पेशल

ओमेंस डे स्पेशल

ओमेंस डे स्पेशल ओमेंस डे को नारी के उत्थान के लिए किये गये कार्यो की समीक्षा तथा भविश्य के कार्य के लिए भावी योजना के निर्माण हेतु मनाया जाता है। यह दिन बिशेष रुप से नारी को समर्पित है। नारी के बिभिन्न रुप से हम सब अवगत है। उसको समाज मे सम्मान मिले जिससे आने वाली पीढ़ी का मनोबल ऊचाँ रहे। बच्चो की प्राथमिक पाठशाला परिवार ही होता है, इसलीए नारी के सम्मान से ही नवीन समाज के उत्थान की नीव पड़ेगी। उसके उत्थान की जब चर्चा चलती है, तब हम अपनी पराकाष्ठा को बिच मे रखकर उसका बिकाश खोजते…
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रक्षा बन्धन

रक्षा बन्धन

रक्षा बन्धन मानव का मन बड़ा ही चंचल होता है। वह उत्पन्न परिस्थिती को स्वतः ही भाफ लेता है। परिस्थती के साथ होने वाले समायोजन के परिणाम का अनुमान भी लगा लेता है। व्यक्ति के गुण के अनुरुप उसका एक भाव भंगीमा परिलक्षित होता है। जिसका लगातार परिस्थिती के साथ समायोजन चलता रहता है। सक्रिय व्यक्ति का अनुभव उसे जगाता रहता है। निष्क्रिय व्यक्ति का अस्थिर मन कमजोर होता है, जो चतुर व्यक्ति के मकर जाल मे ऐसा उलझ जाता है, कि बिना बाहरी सहायता के वह बाहर निकल ही नही सकता है। उसकी यह बिवषता उसके गुणात्मक पहलू के…
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