तीज

तीज

तीज पर्व का पावन त्योहार रिस्तो की मजबुती के लिये किया जाने वाला त्योहार है। यूँ तो हम रोज ही आने जाने वाली समस्या के साथ दो चार होते रहते है। लेकिन एक खास अवसर पर जब लोग एक साथ एक समुह बनाकर किसी एक बिचारधारा के साथ बिचार-्बिमर्श करते है, तो उसका प्रभाव समग्र रुप से समाज पर पड़ता है। यह समाज मे बिचार स्थापना के लिये बनाया गया एक अचुक अस्त्र है।

भाव प्रधान यह पर्व परिवार की निव को मजबुती प्रदान करता है। जहां परिवार मजबुत होता है, वहां का समाज भी सश्कत होता है। जिससे की राष्ट्र की पराकाष्ठा भी बढ़ने लगती है। एक मजबुत राष्ट्र के लिये एक बिकासोन्मुखी समाज का होना जरुरी है। लगातार एक बिचार पर एकात्म होते रहना तथा बदलते समाज के स्वरुप को अंगीकार करना हमे सबलता की ओर बढ़ता है।

पति-पत्नी का नाजुक रिस्ता बिश्वास की डोर पर टिका रहता है। यदि यह डोर टुट जाये को रिस्तो को बिखड़ने मे देर नही लगती है। रोज-रोज की खिचखिच से तंग आकर लोग कई बार गलत कदम उठा लेते है। यहीं पर यह पर्व एक दुसरे को समझने मे सहायक होता है। यह पर्व एक समाजिक स्वभाव को दर्शाने वाला गुणकारी योग है। लोग भावनावस एक दुसरे से प्रेरित भी होते है। जिससे की रिस्ते मे मजबुती आती है। एक दुसरे को समझने का एक खास मौका मिलता है। हमे रिस्तो की सामाजिक मर्यादा भी समझ आती है। हमे यह भी ख्याल रखना पड़ता है, कि कहीं हम उपेझा का शिकार नही हो जाये। हम अपने रिस्ते की समझ से समाज के कई उलझे प्रश्न को भी समझ सकते है।

इस पर्व की महत्ता मे भगवान शिव पार्वती की आराधना का भाव समाहित होना हमें, और आशक्त बना देता है। माता पार्वती से पति की लम्बी आयु का मांग करना तथा 24 धंटे का निर्जला उपवास भी रहता है। चिंतन मनन के साथ पति के प्रति अगाध श्रद्धाभाव का संयोग भी गुणित होते रहता है। पर्व के बन्धन के कारण हमे एक दुसरे के प्रति भी सकारात्मक व्यवहार करना पड़ता है। मन मे बनने वाला बिषमता भी दुर हो जाता है। मनमुटाव की स्थिती यदि चल रही होती है, तो भी उसका निराकरण निकल जाता है।

मैके से श्रिंगार सामाग्री के आने की प्रथा से मनोभाव को गति मिल जाता है। बाहर से अंदर की ओर बिचार का प्रवाह हमे आंतरिक मजबुती प्रदान करता है। हमे लगता है कि किसी को हमारा ख्याल है। रिस्ते से रिस्ते जब जुटते है, तो शंकायें टुटने लगती है। संस्कार की व्यहार मे पहल होती है, और हम सावधान रहते हैं।

तीज का ये हमान पर्व हमे सुख शान्ति दें तथा प्रशंसित करे। हम लगातार आगे बढ़ते रहे और हर तरह से एक खुशहाल जीवन को जीते हुए लोगो के लिए एक आदर्श छोड़ जाय इस कामना के साथ आप सभी आत्मीय बन्धु को हमारा नमस्कार। तीज करने वाले व्रतधारी को हमारा सह्रदय नमस्कार प्राप्त हो।

नोटः- आप अपने बिचार को जरुर कॉमेट बॉक्स मे लिखे जिससे की लोगो को आपके बिचार जानने का मौका मिले। आपका सादा मंगल हो।

लेखक एवं प्रेषकः- अमर नाथ साहु

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By sneha

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