दो हाथ
जीवन में आगे बढ़ने के लिए सतत सार्थक प्रयास की जरूरत होती है। इसके बाबजूद यदि सफलता नहीं मिलती है तो सामूहिक प्रयास की अवधारणा की जाती है जिससे की कार्य संपादन के विभिन्न पहलू को सही तरह से समझते हुए आगे बढ़ सके। कार्य के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए अलग अलग गुण वालों को एक साथ एक धारा में कार्य करते हुए सफलता की ओर बढ़ना होता है। इसे सामान्य भाषा में लोग हाथ मिलाकर कार्य को गति देना कहते है।
प्रयास के द्वारा समस्या के समाधान को गुणकारी व्यक्ति स्वयं के समर्थ से कार्य को गति देता है। अवरोध को व्यवस्थित तरीके से हटाने का अनोखा उपाय है दो हाथ का मिलना, जिसमे समान विचार और व्यवहार वाले एक साथ कार्य करते है। लंबी स्थाई दोस्ती को दो हाथ से व्यक्त करते है लेकिन यदि दो दो हाथ की बात हो तो यह द्वंद का संकेत होता है।
दो दो हाथ से जीवन में एक गुण की प्रखड़ता को भी समझा जा सकता है। गुण के साधक स्वयं को आगे ले जाने के लिए बाधाओं से प्रभावी रूप से कार्य सम्पादन करते हुए आगे बढ़ते रहते है।
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