मेहदी और प्यार
मेहदी के रंग अपनी खुबसुरती के लिए जाना जाता है। यह मनोभाव के आंतरिक भाव को उकेरता है। मेहदी को लगाने के बाद ततकालिक तैर पे जो बदलाव दिखता है वह हमारी वर्तमान सोच को बदल देता है। हमारे सोचने के पहले के व्यवहार मे थोड़ा बदलाव जाता है। जिससे प्यार के प्रति व्यवहार और उत्साह दोनो बढ़ जाता है।
मेहदी को लोग रश्म के तैर पर भी इस्तेमाल करने लगे है जिससे की समान्य अवस्था से मन को प्यार के तरफ उत्साहित किया जा सके। इस समय होने वाले मनोरंजन हमारे खुशी को बढ़ा देता है। हमे आनेवाले समय के प्रति हमारी दृढ़ता को बढ़ा देता है। हमारी मनोबृति हमें तरंगित करती है। माहौल उत्साहित और उल्सासित बना होने के कारण हमारा बिचार हमे एक दुसरे से जोड़ता है।
मेहदी को कई तरह से परिभाषित किया जा सकता है लेकिन खुद के उत्साहो को समझाने का ये अच्छा तरीका है। इससे बनने वाले कलात्मक भाव की अभिव्यक्ति गहरी होती है। जिसकी समझ जितनी गहरी होती है वह उतना प्रभावित होता है। एक दुसरे से जुड़कर स्वयं को स्पंदित करने मे जो सुख मिलता है वह अद्वितिय होता है।
लेखक एवं प्रेषकःः अमर नाथ साहु
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