Year: 2025

वनस्पति और पार्यावरण

बनस्पति और पार्यवरण वैस्वविक प्रतिस्पर्धा के बढने के साथ ही विकाश की होर सी लग गई है। विकाश की इस दिशा का निर्धारण आर्थिक स्तर पर किया जाना लेगा है। आर्थक लाभ-हनि के कारण बहुत सारे बातों के नजरअंदाज कर दिया जा रहा है। इस नजर अंदाज का प्रभाव दिखने भी लगा है। इस प्रभाव को आंकलन करने वाले तथ्य को ज्यादा महत्व नही दिया जा रहा है क्योकि इससे नुकसान का भाव आता है।       सबसे ज्याद प्रभाव जिसपर पड़ा है वह है हमारा वनस्पति लगातार इसकी संख्या घटती जा रही है। जितने पेड़ लगाये जा रहे है उससे…
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महाकुम्भ

महाकुम्भ

Oplus_0 महाकुम्भ 2025      144 साल के बाद महकुम्भ 2025 का जो संयोग प्राप्त हुआ उसमे स्वयंं को भागीदार बनान के लिए जो लोगों मे उत्साह दिखा उसीका परिणाम था जो बड़ी मात्रा मे लोगो का हुजुम महकुम्भ स्नान को पहुँत गया। आस्था और विश्वास के साथ जो लोगो का जुड़ाव हुआ उससे एक नवीन उत्साह को लोगो मे संचार हुआ। इससे आने वाले सुंदर भविश्य की नवीन कल्पना जन्म लेगी जो लोगो के उत्साह को बढ़ाती रहेगी। त्रिवेणी संगम का पवित्र स्थल जहां पर गंगा यमुना और सरस्वती नदी एकिकृत होकर एक नदी बन जाती है महाकुम्भ के पावन स्थल…
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मकर संक्रांति

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति मकर संक्रांति हिन्दी कलैण्डर के अनुसार पौष मास के दिन सुर्य धनु राशि से मकर राशि मे प्रवेश करती है। इसके साथ ही खरमास समप्त हो जाता है। यहीं से शित ऋतु का अंत और वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। इस समय खेतों मे फसल की कटाई शुरु हो जाती है। किसानों के लिए यह बड़ा ही सुखद अनुभुति लेकर आता है। यहां से दिन धिरे-धिरे लम्बी होनी लगेगी और रात छोटी होने लगेगी। मकर संक्रांति का दिन 14 जनवरी को परता है। यही समय ग्रिगेरियन कलेण्डर के हिसाव से लिप ईयर मे 15 जनवरी को परता…
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बिता साल

बिता साल

पुराना साल     पुरने साल के यादों के खजाने से हमें मोती चुनने होते है जिससे की हमारे नवीन संकल्पना की सशक्तता को बल मिल सके। ह्में अपनी कमजोरी पर नियंत्रण करना होता है जिससे की हम पहले से ज्यादा ताकत के साथ परिस्थिती से मुकाबला कर सके। बदलते साल के साथ वही त्योहार और मौसम हमे फिर से हमे मिलते है हमारी कोशिश होनी चाहिए की हमारी उत्साह पहले से उन्नत हो। पुर्व की गलती न दोहराई जाय।       घटनाओं से जुझता हुआ जब हम साल के अंत मे पहुँचते है तो हमे एक तसल्ली मिलती है कि आने…
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