Poem

Marriage Anniversary

Marriage Anniversary

Oplus_131072 शादी की पहली सालगीरह गृहस्थाश्रम जीवन की शुरुआत शादी से ही होती है। परिवारीक जीवन के अनमोल मोती इसमे पिरोये रहते है। जीवन के हर विधा को यहां संयमित और नियंत्रित किया जाता है। कहा जाता है कि एक संपुर्ण जीवन जीने के लिए वैवाहिक जीवन जरुरी है। वैवाहिक जीवन एक वंधन होता है जिसकी चुनौतियो को साधते हुए एक कुशल जीवनयापन से जो समाजिक आदर्श स्थापित होता है उससे अधिक मुल्यावान किसी और को नही माना जाता है।    इस मुल्यावान जीवन के कई स्तम्भ है जिसको की सही तरह से समझते हुए जीवन मे आगे बढ़ना होता…
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new rose

new rose

Oplus_0 ताजा गुलाब प्रकृति की सुषमा मे कई रत्न ज़ड़े परे है हमारी समझ जहां तक जाती है हम खुद को धन्य समझते है कि हमने अपनी जीवन की एक अनोखी यात्रा पुरी कर ली। जीवन के आदी और अंत का कोई आता पता नही है लेकिन जीवन के प्रवाह सतत जारी है। अध्यात्म ये कहता है कि जीवन का आना जाना लगा रहता है प्राणी को अपने उतकृष्ट कर्म करने चाहिए जिससे की उसके द्वार किया गया सतकर्म मानव समाज के लिए एक प्रेरण स्त्रोत बने।  प्राकृतिक रत्नो को जब ज्ञान प्रकाश से देखा जाता है तो उसकी वास्तविक…
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भाव का प्रभाव

भाव का प्रभाव

Oplus_0 भाव का प्रभाव भाव का बड़ा ही गहरा प्रभाव होता है। हमारे शरीरिक व्यवहार को धीरे - धिरे यह बदल देता है। भाव हमारे मानसिक पटल पर जब आता है तो हमारी खुशी को यह संंचालित करने लगता है। जिससे हमारा झुकाव भी उसी तरह हो जाता है। झुकाव के बाद हमारी मनःस्थिति भी उस तरह की बन जाती है क्योकि हमे अपने भाव मे रहना अच्छा लगने लगता है। भाव का संचालन हमारी शरीरिक विशेषता के कारण होता है। इस तरह हम स्वभाविक बृति के साथ रहते हुए एक खास तरह के गुण के धनी हो जाते है…
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तेरे द्वारे

तेरे द्वारे

तेरे द्वारे   भक्ति भाव मे विहल मन को जब मनवांक्षित फल नही पाता है जो वह उद्दीग्न हो जाता है फिर मन की अपनी ही गति परिलक्षित होने लगती है। भक्त लगातार अपने मन पर नियंत्रण की कोशिश करता रहता है। इन्ही कोशिश मे उसे लगता है कि उसको किसी सहारे कि जरुरत है तो वह अपने आराध्य की ओर ध्यान करता है। अपने आराध्य की ध्यान को अपनी ओर करने के लिए वह स्वयं की भाव भंगिमा मे वशिभुत कर लेता है जिससे की भाव प्रधान मन की उदिग्नता शरीरिक रुप सज्जा मे विघटित होकर एक उन्नत विचार…
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Encourage

Encourage

हौसला चाहिए      हौसला हासिल करने के लिए व्यक्ति को स्वयं के अंदर विश्वास पैदा करना परता है। इसके लिए हर छोटी सी छोटी बात को पुरा विश्वास के साथ करते हुए आगे बढ़ने की जरुरत होती है जिससे की किन्तू परंतु का कोई प्रश्न नही रहना चाहिए। हर कार्य को करने के लिए कार्य उत्साह के साथ योजनावद्ध तरीके से कार्य करने की ततपरता के मद्देनजर कार्य की समुचित ज्ञान होने से हौसला बनने मे देर नही लगती है। हल्की सी प्रत्साहन कार्य शक्ति को जागृत कर देती है। कार्यानुमुख होने के लिए जो निशा-निर्देश मिलते ही व्यक्ति सक्रिय…
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समझ का फेर

समझ का फेर

समझ की शक्ति ही समाधान की दिशा तय करती है। इस गुण के धनी लोग समय के साथ आगे बढ़ते हुए खुश दिखाई देते है। समझने की शक्ति की पराकाष्ठा के लिए, अपनी ज्ञानेद्रियां की सक्रियता के साथ ही हमें वर्तमान और भविष्य के हमारे अनुभव से सिखे हुए कुछ विशेष गुण का समावेश के साथ निर्णय लेने होते है। एक अच्छी समझ ही हमें एक संतुष्टीकारक समाधान दे सकता है।    कभी-कभी हमारी अपनी समझ पर हमें पुरा भरोसा होता है लेकिन समय के हिसाव से उस समझ के अनुरुप सफलता नही मिलती है। फिर हमें अपनी समझ को…
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Operation Sindur

Operation Sindur

ऑपरेशन सेन्दूर भारतिय सेना के द्वारा चलाया गया यह एक अभियान है जिसमे सिंदुर को मिटाने वाले को डंडित किये जाने तथा सबक सिखाने को लेकरके एक सशक्त योजना को अंजान दिया गया है। इस साहसिक घटना से भारतीय समाज मे विश्वास और निष्ठा के प्रति लगाव मे उतरोत्तर विकाश हुआ है। जीवन मे सतत ही संधर्ष का वोलबला रहा है। संधर्ष को करते हुए हम जो सिखते है वह हमारी पुँजी होती है। एक तरह के विचाधारा के साथ हम जीवन मे आगे बढ़ते जाते है। यही हमारी यश, किर्ती गाथा को सबलता प्रदान करती है। हमारे विचार के…
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Mothers day

Mothers day

मातृ दिवस Mother's Day मातृ शक्ति के व्यापक प्रभाव के बारे मे सारा जगत आवगत है। इसके लगाव की शुरुआत खुद की सुरक्षा तथा नव जीवन की संकलप्ना से जुड़ी होती है। नव जीवन के आने से पहले की उत्सुकता तथा नव जीवन को धारण करने के बाद की उत्कसुकता के साथ पल - पल के यादो को संयोता मातृ शक्ति अपनी पुरी प्रकाष्ठा को पा जाता है। नव जीवन के सृजन के साथ उसके पुरे विकाश यात्रा से जो मातृ शक्ति का लगाव होता है उससे नव जीवन को सजने सबरने का अनूठा योग प्राप्त होता है। इसके साथ…
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महाकुम्भ

महाकुम्भ

Oplus_0 महाकुम्भ 2025      144 साल के बाद महकुम्भ 2025 का जो संयोग प्राप्त हुआ उसमे स्वयंं को भागीदार बनान के लिए जो लोगों मे उत्साह दिखा उसीका परिणाम था जो बड़ी मात्रा मे लोगो का हुजुम महकुम्भ स्नान को पहुँत गया। आस्था और विश्वास के साथ जो लोगो का जुड़ाव हुआ उससे एक नवीन उत्साह को लोगो मे संचार हुआ। इससे आने वाले सुंदर भविश्य की नवीन कल्पना जन्म लेगी जो लोगो के उत्साह को बढ़ाती रहेगी। त्रिवेणी संगम का पवित्र स्थल जहां पर गंगा यमुना और सरस्वती नदी एकिकृत होकर एक नदी बन जाती है महाकुम्भ के पावन स्थल…
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मकर संक्रांति

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति मकर संक्रांति हिन्दी कलैण्डर के अनुसार पौष मास के दिन सुर्य धनु राशि से मकर राशि मे प्रवेश करती है। इसके साथ ही खरमास समप्त हो जाता है। यहीं से शित ऋतु का अंत और वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। इस समय खेतों मे फसल की कटाई शुरु हो जाती है। किसानों के लिए यह बड़ा ही सुखद अनुभुति लेकर आता है। यहां से दिन धिरे-धिरे लम्बी होनी लगेगी और रात छोटी होने लगेगी। मकर संक्रांति का दिन 14 जनवरी को परता है। यही समय ग्रिगेरियन कलेण्डर के हिसाव से लिप ईयर मे 15 जनवरी को परता…
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