sneha

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करवा चौथ

करवा चौथ

करवा चौथ करवा चौथ पुजन विधीः- कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष चतुर्थो को ब्रती दिनभर का निर्जला ब्रत रखती है। रात्री मे चन्द्रोदय होने के बाद गणेश की पुजा की जाती है। ततपश्चात चांद्रदेव की पुजा की जाती है। चन्द्र देव को अर्ध्य भी दिया जाता है। फिर नयी चलनी के पास दिपक रखकर चांद के दिशा मे पति को देखा जाता है। इसके पश्चात पति पत्ति को जल पिलाकर उसके सुखद जिवन का संदेश देता है। संदेशः- यह पर्व आपसी रिस्तो की गहराई को समझने और समझाने का पर्व है। प्यार से रिस्ते और रिस्ते से प्यार के महत्ता…
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ओमेंस डे स्पेशल

ओमेंस डे स्पेशल

ओमेंस डे स्पेशल ओमेंस डे को नारी के उत्थान के लिए किये गये कार्यो की समीक्षा तथा भविश्य के कार्य के लिए भावी योजना के निर्माण हेतु मनाया जाता है। यह दिन बिशेष रुप से नारी को समर्पित है। नारी के विभिन्न रुप से हम सब अवगत है। उसको समाज मे सम्मान मिले जिससे आने वाली पीढ़ी का मनोबल ऊचाँ रहे। बच्चो की प्राथमिक पाठशाला परिवार ही होता है, इसलीए नारी के सम्मान से ही नवीन समाज के उत्थान की नीव पड़ेगी। उसके उत्थान की जब चर्चा चलती है, तब हम अपनी पराकाष्ठा को बिच मे रखकर उसका बिकाश खोजते…
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आरती छठी माई की

आरती छठी माई की

ठठी मईया की आरती ठठी मईया की आरती ठठी मईया की आरती छठ माई की आरती छठ मईया की आरती हमारी चेतना को जगाकर हमारे भाव को स्पष्ट रुप से चित्रण करती है। जिससे माता के साक्षात दर्शन का भान होता है। दिव्य रुप माता को अपने बिचार मे उतारना एक कठीन कार्य है। हमारे भाव की अभिव्यक्ति से एक आभा मंडल बनता है, जो हमारे चारो ओर एक बृत बनाकर हमे उर्जावान करता है। हमारे द्वारा उच्चारित शब्द हमे नियंत्रित करतें है। हमारी शब्दिक उच्च उर्जा शक्ति का जब शब्द से संचार होता है, तो दिव्य रुप माँ को…
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आयुष की मधुबनी बहाली

आयुष की मधुबनी बहाली

मधुबनी सी एस द्वारा आयुष की बहाली करोना रोगी को नियंत्रन करने को लेकर निकाला गया था। जो करोना रोगी को कम होने के कारण रोक दिया गया। लेकिन खबर आयी की एम बी बी एस की बहाली ली गई है। बर्तमान समय मे समाज मे एक खास चिकित्सा के प्रति लोगो का झुकाव का कारण को देखते हुए सरकार कोई नई पहल नही करना चाहती है। राजनैतिक बिबसता का कारण विकाश मे बाधा का पहुँचना एक पुरानी प्रक्रिया है। इसके बाबजुद हमलोग इसके साथ जीने को आदी हो गये है।      यह कविता हमें इस व्यवस्था को समझने की…
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आनन्द चतुर्दशी

आनन्द चतुर्दशी

आनन्द चतुर्दशी यह धागों का त्योहार है। इसमे भगवान बिष्णु की पुजा की जाती है। भगवान बिष्णु को प्रतिपालक कहा जाता है। वे जीवआत्मा के पुरे कर्म को नियंत्रित करते है। एक प्रभावी कर्म को करने के लिए एक प्रेरणा का होना होता है जिससे जीवन को सबलता मिलता है। जीव के जीवन का यह सबसे हमत्वपुर्ण काल जन्म से मृत्यु तक का समय होता है। इसा समय मे अपने कर्मो के द्वारा अपने आत्मा को एक शक्तिशाली, प्रभावी और उर्जवान योग प्राप्त करना होता है। इसी से भगवान विष्णु की पुजा की जाती है तथा संकल्प के रुप मे…
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अमेरीका द्वारा अफगानीस्तान को छोडना

अमेरीका द्वारा अफगानीस्तान को छोडना

अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान को छोडना कर्म प्रधान यह संसार नाना प्राकर के कर्मो मे उलझा रहता है। बहुत सारी घटना एक साथ घटीत हो रही होती है। सबको समझकर उसका समायोजन करना संभव नही होता है। जहां संभावना बनती है, वहां भी ज्ञानी परुष यह कहकर घटना मे हस्ताक्षेप करने से इंकार कर देते है, कि घटना के घटक को अपने कर्मो का फल उसके अनुरुप प्राप्त हो। कभी-कभी हमारे द्वारा किया गया सही कार्य भी समान्य सोच मे नही आ पाता है और हमारी हमत्ता कम कर आंकी जाती है। इसी तरह के घटना का साक्षी बना है अफगानिस्तान।…
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The third world war

The third world war

Third World War Situation is adverse due to economical unbalance in econocmical world. A persion is working in world market he know the present word sitution and try to handle them. if they do not handle they will try to handle. Here this situation rises to start unbalanced situation. Slow slowly situation is mishandle and start to contradiction. Ater contradictiom distance between then makes a far. Here war is started to handle and punished to handle. A very concious persion is only to maintain in that situation. But a egarious person misguide by ather and ruined all these assential assence…
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अपनो के प्रीत

अपनो के प्रीत

अपनो के प्रीत अपनो के प्रीत बहुत गहरा होता है। जब हम कुछ दिन तक साथ रहते है तो एक दुसरे के साथ व्यवहार के साझा आदान प्रदान से अवगत हो जाते है। इसके साथ ही हम एक दुसरे के और करीव आने की कोशीश करते है कि सामने वाला उत्तम व्यवहार करेगा जिससे की आपसी रिस्तो को एक नई उचाई मिलेगी। इसके साथ ही विकाश तथा विश्वास की एक नयी उड़ान को पाया जा सकेग। इस तरह के सोच मानव के स्वभाव का हिस्सा होता है। लेकिन स्वार्थ परक व्यक्ति बड़ा ही जटील होता है। वह अपना आंतरिक प्राकृति…
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अन्नदाता

अन्नदाता

अन्नदाता भोजन जीवन का आधार है जो हर प्रकार के जीव के लिेए एक जरुरी उपाय है। कृतिम और प्राकृतिक दोनो तरह के भोजन मानव समाज के लिए आजकल उपलब्ध है। पाकृतिक से प्राप्त भोजन के रुप मे मांसाहारी और शाकाहारी दोने तरह के भोजन मिलते है। मुख्य रुप से भोजन के रुप मे अन्न का वहुत बड़ा योगदान है। अन्न उत्पादन करने वालों को किसान कहा जाता है। किसान का ही मुख्य कार्य होता है अन्न का उत्पादन करना। इसके लिए उसे विशेषज्ञता प्राप्त होता है। किसान का पुरा जीवन ही कृर्षि पर आधारित होता है। इसलिए भारत को…
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अखण्ड जाप

अखण्ड जाप

अखण्ड जाप   यूँ तो जाप करना हमेशा से लाभकारी रहा है, लेकिन समय के साथ बदलती समाजिक परिवेश ने एक कोलाहल का माहौल बना दिया है। हमारा अस्थिर मन एक समस्या का हल निकालता है, कि वह दुसरे समस्या में  उलझ जाता है। इसका बैधानिक कारण है, मन का स्वस्थ्य नहीं होना। हमारी चाहत तथा उसका समायोजन ही एक समस्या है। हम एक कार्य कर ही रहे है, कि दुसरे के प्रती हमारा ध्यानाकर्षण खिंच जाता है। हमारा नजरीया यहां भी बनने लगता है। इस तरह हम उलझते चले जाते है।           किसी एक कार्य में स्थिर रहना तथा…
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