दुसरी सोमवारी
दुसरी सोमवारी को शिव की आराधना का ध्यान गहरा है। लगातार ध्यान शिव की आराधना के परम तक पहुँचने का प्रयास है। शिव की भक्ति को समझना कठिन है। भक्ति के सावन का ये पर्व हमे नित्य के साथ भक्ति के मार्ग को सुगम बना रहा है। शिव के चढ़ावा मे वेलपत्र का स्थान उत्तम है। बेलपत्र की गुणता को परिभाषित करता ये कविता भक्ति के रस को जगाने का एक प्रयास है। भक्ति को जितना चलाया जाय उतना बढ़ता जाता है। जिससे पुरा माहौल भक्तिमय हो जाता है।
बेलपत्र के साथ भक्ति का सम्बन्ध एक अटुट रिस्ता बांधता है। जिससे मन का बिचलन को नियंत्रित करना सुगम होता है। शिव की महीमा का प्रतिकात्मक रुप भी है। भक्तिभाव से परिपुर्ण आज का सोमबारी भगवत्व प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करे इसे आशा के साथ हमे कविता पाठ को आप तक प्रेषित करते है। जय शिव
सावन की दुसरी सोमवारी शिव की आऱाधना का एक अदभुत संयोग की गाथा है। शिव के प्यार को पाने का एक सुखद संयोग भी है। मन से बिचार से तथा व्यवहार से शिव शक्ति को साधने का मार्ग सुगम करेने वाला समय है।
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लेखक एवं प्रेषकः- अमर नाथ साहु
1. आरती लक्ष्मी जी नया आरती 2021 है जो हमारे माता के प्रति आगाध श्रद्धा को व्यक्त करता है, दिव्य रुप को दर्शाता यह नया आरती का गान करें।
2. दुर्गा माता की आरती नया आरती 2021 माता के दिव्य रुप के हृदय के पास लाकर माता की आराधना को व्यक्त करता आरती का गान जरुर करें।
3. करवा चौथ का पर्व हम पुरी श्रद्दा एवं विश्वास के साथ मनाते है इस काव्य लेख को जुरुर देखे जिससे की आपका पर्व के प्रती निष्ठा मे प्रगाढ़ता आये।
4. कृष्णाष्टमी पर्व मे भगवान कृष्ण की दिव्य दर्शन की सिख को समाहित यह काव्य लेख आज के संदर्भ मे जोड़कर कहा गया है।
4. तीज का पर्व भारत मे परमपरा के साथ मनाया जाने वाला पर्व है इसके बिभिन्न रुप का काव्य वर्णन देखें।
5. विश्वकर्मा पुजा हमारी भक्ति भाव सतत रुप है जिससे हम नयेपन की कामना करते है, इस भाव के दर्शाता काव्य लेख देंखें।
6. पहला सोमवारी ब्रत, दुसरा सोमवारी ब्रत, तीसरा सोमवारी ब्रत, चौथा सोमवारी ब्रत के भक्ति रुप का वर्णन तथा हमारी कामना को दर्शाता यह काव्य रचना एक अनुपम कृती है।
7. आनन्द चतुर्थी का पर्व धागा बन्धन का पर्व है जो हमे हमारी भाव को एक नये आयाम मे श्रजन करता है ।