sneha

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बधाई हो बधाई

बधाई हो बधाई

बधाई देने का अपना ही महत्व होता है। इसके आनन्द की तुलना कर पना संभव नही है क्योकी यह व्यक्ति पर निर्भर करता है। बधाई स्विकार किया जाना भी देने वाले के प्रति लगाव को व्यक्त करता है। आजकल का दौर सुनकर या देखकर शांत रहने का है। जिसका परिणाम यह होता है की लोगो के बिच बैचारीक दुरी बढ़ती जा रही है। बैचारिक दुरी को कम करने के लिए यह संदेश एक उद्वीपन का कार्य करेगा। जिस भाव को हम स्वतः स्फुर्त तरीके से समझ सकते है उसका एक अलग रुप आपको रोमांचित करेगा। इसलिए इसके भाव को समझ…
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लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि

लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि

लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि गुण कौशल की प्रखरता जब अपने मुकाम तक पहुँचती है, तो वह गुण धारक को रौशन कर देती हैैैै। उनका यात्रा बृतांत एक यादगार पल बन जाता है। असफल लोग या संधर्षरत लोगो को इस तरह के बिचार की बहुत जरुरत होती है, जिससे की उनकी कार्य उर्जा का प्रवाह बना रहे। मन कि दुर्वलता को दुर करने का यह एक शसक्त जरीया होता है। भारत के बौधिक सम्पदा मे इस तरह के अनेको उदाहरण मिलते है। समय की बली बेदी पर बनते बिगरते जीवन की दिव्य लिला को करिव से अऩुभव करने का एक संयोग…
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मॉ वरदान दो

मॉ वरदान दो

वरदान एक ऐसा योग है जिससे गुण को स्वयं के अंदर जागृत किया जाता है जिसके मन चाही आकांक्षा को पुरा किया जा सकता है। इसके पश्चात हमें कठीनाई का सामना करने में आसानी होती है। वरदान को पाने के लिए एक कठीन साधना को साधक को अपनाना होता है। साधना के मार्ग को चुनने के लिए प्रेरणा भी अंदर से आती है जो लगातार हमे लक्ष्य की ओर जाने के लिए प्रेरित करते रहता है। जो हमे सफल होने के लिए लागातार अपने प्रयास को समीक्षा करते रहना होता है। हमारे अंदर की कमी को पाने के लिए हमे…
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जामुन

जामुन जामुन हमारे लिए एक उपयोगी फल है। इसमे भिटामिन सी की मात्रा होती है। जामुन पकने के बाद काला हो जाता है। इसको नमक के साथ खाना अच्छा होता है। जामुन वार्षिक फल भी है। जामुन के बारे मे जानने के साथ खेल-खेल मे बच्चो को पाठ भी याद हो जाता है। यह पहेली उसको उत्सुकता भी जागाता है।        जामुन के बिज को सुखाने के बाद उसका छिलका उतारकर उसका पाउडर बना लिया जाता है। इसके बाद इसको खाली पेट खाना से डयबेटिज की बिमारी मे बहुत लाभकारी सिद्ध होता है। इस तरह इसमे औसधिये गुण भी होता…
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अनार

अनार एक प्राकृतिक फल है जिसका प्रयोग व्यापक आधार पर होता है। बिषेश कर जैविक उर्जा को प्राप्त करने मे शरीर के लिए एक उपयोगी फल है। अनार अपने वंश के बिस्तार के लिए जो सरस प्ररुप बनाया है यह पाकृत का एक अनुपम उपहार है। मोती जौसे लाल दाना की आंतरीक सजावट देखते वनती है। अनार के रंग की गहराई रक्त जैसा होता है जो मन के भाव को दर्शाता है।
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टमाटर

टमाटर

टमाटर टमाटर एक प्राकृत फल है। टमाटर हमारे भोज्य पदार्थ का हिस्सा है। टमाटर को हम बिभिन्न रुपो मे खाते है। इसके गुण के बारे मे जानकर हम इसका सही समय पर सही उपयोग कर सकते है। बच्चो को इसकी जानकारी देने के लिेए पहेली के रुप मे जानकारी को संकलित किया गया है। बच्चो की उत्सुक होने के कारण पहेली रोचक रुप के साथ-साथ  जानकारी का भी साथ है।           खेल-खेल मे सिखने की कला का एक अच्छा उदाहरण है। पाठ को यदी बच्चे समझ जाये तो इसको याद करना आसान है। एक-दुसरे से बेहतर बनने की सोच के…
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देवी देवता

देवी देवता परिचयः- देवी-देवता का स्थान भारतीये समाज मे बहुत गहरा है। लोगो के भावनाओ के साथ इसका गहरा संबंध है। सामाजिक स्तर पर एक पुरा ढ़ाचा का बिकास हो गया है। इसमे लोगो की भावना कुट - कुट कर भरी हुई है। जिस समस्या का समाधान हम आसानी से खोज लेते है, अर्थात जो हमारी पहुँच के दायरे मे है, वहां तक हम अपनी बात को यथार्थ के रुप मे मानते है। वैसे समस्या जिसका समाधान हमारी पहुँच के बाहर है और हम उसका हल अपने अनुसार चाहते है वहाँ देवी-देवता का स्थान आता है। लोग इसे आस्था का…
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बन्धन

बन्धन

बन्धन यह शब्द लोगो को बहुत व्यथित करता है, क्योकी यह स्वतंत्रता की धारा मे आवरोध उतपन्न करता है। लेकिन यह यदि योगपुर्ण हो तथा समय के साथ परिवर्तनशिल हो तो लाभकारी हो जाता है। मन की स्वतंत्रता यदि तन को आधार मान ले तो ब्यक्ति का पतन तय मान लेना चाहिए। मन पर बन्धन का मानसिक दवाव एक शक्तिशाली हथियार है। अपने आपको समय के धुरी से बाँधकर रखना एक कलात्मक योग है। इसका सतत पालन करना व्यक्ति को कार्य दबाव से मुक्ति के मार्ग को आसान बना देता है। समय का कार्य के साथ समायोजन जरूरी है जिससे…
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स्वाभिमान

स्वाभिमान

स्वाभिमान का होना बिकाश की ओर अग्रसर के भाव रखने वाले के लिेए अच्छा माना जाता है क्योकि उससे उनका एक छवि गढ़ने का भाव मान मे रखना होता है, जिससे वह अपने गनत्व शिखर तक आसानी से पहुँच सके। स्वाभिमान एक गुणात्मक पहलु है। गुण को गढ़ने की कला यदी गुणी के पास मौजुद है तो उससे उसका पुरा परिदृष्य साफ हो जाता है। वह उपने मुकाम पर पहुँचकर फिर पिछे की तरफ नही देखता है जिससे की उसका भाग्योदय होना माना जाता है। स्वभाव मे गुण के कारण उसकी क्रियाशिलता बनी रहती है। वह सतत अपने विकाश के…
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