sneha

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वक्त का आईना

वक्त का आईना

वक्त का आईना वक्त के आईना मे खुद को निरखना एक कला है अपने अंदर की ओर झांकने का कार्य ऋषि मुनी करते है, जिससे की उनका आत्म दर्शन हो जाता है। लेकिन व्यवहारिक मनुष्य के लिए ऐसा कर पाना समान्य व्यवहार मे नही आता है। इसलिए वह समय के साथ अपनो को ढ़ालने के लिए वक्त के आईना मे खुद को देखता है तथा जीने की कला विकसित करता है जिससे की वक्त के साथ सही तरीके से समायोजन हो सके। जिससे बाद वह खुद को आगे निकालने के लिए यथेष्ट बन जाता है।      यहां लेखिका खुद को…
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सीडीएस बिपिन रावत को श्रधांजलि

सीडीएस बिपिन रावत को श्रधांजलि

सीडीएस बिपिन रावत को श्रधांजलि भारत के सी डी एस बिपिन रावत आचानक हमलोगो को छोड़कर चले गये। आज जब सीमा पर दुश्मन खड़ा हमे चुनौती दे रहा है। तो ऐसे आनुभवी व्यक्ति की खास जरुरत होती है। इनकी दुरदर्शी सोच के कारण भारत को काफी लाभ हुआ। आनेवाली संभावना के प्रति बराबर सचेत रहते थे। अपने को हमेशा नयी सुचना से अपग्रेड रखते थे। कहते है घटना से जो लड़कर निकलता है, ओ आगे डटकर रहता है, लेकिन उनकी कमी हमेशा हमलोगो को खलती रहेगी। उनके काल खण्ड मे गलवान की झरप, मयांमार सर्जिकल स्ट्राईक तथा पाक सर्जिकल स्ट्राईक…
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श्रधेय बिदाई

श्रधेय बिदाई

श्रधेय बिदाई हमारा नित्य प्रति लोगो से मिलने जुलने का कार्य चलता रहता है, ऐसे मे कुछ ऐसे लोग होते है जो अपना एक प्रभाव छोड़ जाते है, जिन्हे हम कार्य उन्मुख होते समय उनकी याद करते है। ऐसे लोगो के प्रति हमारा भाव एक बिचार बनकर हमारे अंदर रह जाता है। इन्ही बिचारो की एक कड़ी हम यहां भेंट कर रहे हैकार्य मे प्रखरता तथा ततपरता व्यक्ति को एक दुसरे से जोडने का जो कार्य करता है उसका प्रभाव बनता है। कार्य के प्रति लगाव की गाथा को सुनाकर एक दुसरो को प्रोत्साहन करने की बात सतत चलती रहती…
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यादो का नया साल

यादो का नया साल

यादो का नया साल यादों का नया साल का जीवन प्रयंत चलने वाला अनुभव का योग है। कुछ पल ऐसे होते है जिसे हम बार - बार याद करते है। हमारा सफर और अच्छा हो इसकी याद करने के लिए हम लगातार प्रयासरत रहते है। यादो का नया साल हमे पुराने बिते समय की एक रुप रेखा खिंचता है तथा नया करने के लिए संकल्प की प्रेरणा देता है। हमारे सामने हमारे विचार स्थल पर बीते दिनों का एक पूरा परिदृश्य होता है जिससे की हम समय के साथ ज्यादा समायोजन कर ऊर्जावान बन सके। हम अपने नजरीया मे बदलाव…
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शिक्षा दान

शिक्षा दान

शिक्षा-दान  गुरु शिष्य की परम्परा सदियों से चली आ रही है। शिक्षा प्राप्ति के पश्चात गुरू दक्षिणा लेने की कथा बहुत कम मिलता है। एक प्रसिद्द कथा महाभारत काल मे कर्ण की आती है। कर्ण जब छोटा था, तब उन्हें गरु द्रोणाचार्य ने शिक्षा दान देने से इंकार किया था, जिसके जवाब मे कर्ण ने कहा- गुरु जी शिक्षा दान मे लेना भी नही चाहिए। लेकिन बाद मे उनके गुरु परशुराम ने उन्हे शिक्षा दिया। उन्होने कहा तुम ने जो वात्सल्य प्यार हमे दिया है- वही हमारी  दक्षिणा है। हम सभी इस महान शिष्य की गाथा से परिचित है, जिन्होने…
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विश्वकर्मा पूजा

विश्वकर्मा पूजा

विश्वकर्मा पूजा धातु के रुप मे लोहा के अविष्कार के साथ मानव जीवन मे बहुत बड़ा बदलाव आया। मानव के विकाश की पुरी दशा ही बदल गई। भाव की प्रधानता से मानव के विकाश की यात्रा का स्वरूप हम आज देख रहे है उसके लिए हम उस दिव्य शक्ति को याद करते है जिसने इसका ज्ञान मानव को दिया। निर्माण के किसी भी कार्य को सफलता पुर्वक करने के लिए देव लोक मे भगवान विश्वकर्मा को याद किया जाता है। मानव तन को ये शक्ति देव रुप विश्वकर्मा से प्राप्त हुआ है। इनके आराधना से कार्य की गुणता बनी रहती…
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यादो का सफऱ

यादो का सफऱ

यादों का सफर योदों का सफर बड़ा लम्बा होता है। हमारे सफर की धुंधली तस्वीर हमारे मस्तिष्क मे लम्बे समय तक सुरक्षित रहता है। इस सफर का कुछ पहलु ऐसा होता है, जो हमारे अनुभव का भाग बन जाता है। जिवन यात्रा मे जहां हमें कठीनाई का सामना करना पड़ता है और हम कोई सहारा ढ़ुढ़ते लगते है, तो यही यादें हमारा मार्ग दर्शन करती है। जिवनदर्प उजियारा हो इसके लिए यादो के सफर का होना अच्छा माना जाता है। यह हमारी ओ सम्पत्ति है, जिससे हमारे जिवन को एक अर्थ मिलता है। बिध्न बिनाशक माने जाने वाले यह सफर…
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मोबाइल वाली दुल्हन

मोबाइल वाली दुल्हन

मोबाइल वाली दुल्हन मोबाईल के इस युग मे लोगो को अपनी बात कहने का एक आसान साधन मिल गया है। अपने भाव को दुसरों तक पहुँचाने मे इसका प्रयोग तेजी के साथ हो रहा है। हमारी भाव का प्रारुप दुसरे भाव को शेयर करने तक सिमित रह गया है। कहीं न कहीं हमारी मुल भावना का लोप दुखाई दे रहा है। फिर भी हम आजकल के भागमभाग जिंदगी को मोबाईल से दुर नही कर सकते है।यहाँ मोबाईल वाली दुल्हन के रुप मे हम आजकल के जिंदगी के एक प्रारुप को व्यक्त करने की कोशीश कर रहे है आशा है हमारी…
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मुझे प्यार दो

मुझे प्यार दो

प्यार की जरुरत सबको है, यह एक ऐसा फल हो जो व्यक्ति को व्यक्ति से जोड़ता है। इसके सहारे हम जावन की लम्बी यात्रा को आसानी से जीने का एहसास पाते है। प्यार को लोगो ने कलात्मकता का रुप देने की कला भी माना है। हमारी भावना को कहने के लिये हमे शब्द चाहिए तथा इनको यथा समय व्यक्त करने के लिये भी कला चाहिए। प्यार को समझने तथा समझाने के लिये व्यक्ति के पास एक प्रारुप होता है, जो वह अपने समाज से सिखता है, तथा इसका उपयोग करने की लगातार प्रयास जारी रखता है। फिर भी उसे लगता…
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मॉ का जन्मदिन

मॉ का जन्मदिन

ममी का बर्थ डे बर्थ डे मनाने की परंपरा बिदेशी होने के साथ ही इसकी व्यवस्था भी बिदेशी ही है। हिन्दुस्तान मे गुजर चुके लोगो से कुछ सिखने की व्यवस्था है जिसको हम याद करते है तथा जिसकी वर्षी हर साल हमलोग मनाते है। समय के साथ होने वाले परिवर्तन के प्रती हम सहज बनते जा रहे है। सधारणतया युवा को इसके प्रति ज्यादा रुची रहती है। स्वयं को महीमा मंडित करने की प्रथा समाज मे स्वयं के प्रती के भाव को बढ़ावा देता है। ऐसा देखने को मिलता भी है कि आज का समाज व्यक्ति केद्रित होता जा रहा…
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