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                                        Jan                                    
                                
                            
                        
                        
                    
                        अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान को छोडना कर्म प्रधान यह संसार नानाप्राकर के कर्मो मे उलझा रहता है। बहुत सारी घटना एक साथ संपादित हो रही होती है। सबको समझकर उसका समायोजन करना संभव नही होता है। जहां संभावना बनती है, वहां भी ज्ञानी परुष यह कहकर घटना मे हस्ताक्षेप करने से इंकार कर देते है, कि घटना के घटक को अपने कर्मो का फल उसके अनुरुप प्राप्त हो। कभी-कभी हमारे द्वारा किया गया सही कार्य भी समान्य सोच मे नही आ पाता है। और हमारी हमत्ता कम कर आंकी जाती है। अमेरीका द्वारा द्वितीये बिश्व युद्ध मे बिजयी होने के वाद…