Month: January 2022

देवी देवता

देवी देवता परिचयः- देवी-देवता का स्थान भारतीये समाज मे बहुत गहरा है। लोगो के भावनाओ के साथ इसका गहरा संबंध है। सामाजिक स्तर पर एक पुरा ढ़ाचा का बिकास हो गया है। इसमे लोगो की भावना कुट - कुट कर भरी हुई है। जिस समस्या का समाधान हम आसानी से खोज लेते है, अर्थात जो हमारी पहुँच के दायरे मे है, वहां तक हम अपनी बात को यथार्थ के रुप मे मानते है। वैसे समस्या जिसका समाधान हमारी पहुँच के बाहर है और हम उसका हल अपने अनुसार चाहते है वहाँ देवी-देवता का स्थान आता है। लोग इसे आस्था का…
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बन्धन

बन्धन

बन्धन यह शब्द लोगो को बहुत व्यथित करता है, क्योकी यह स्वतंत्रता की धारा मे आवरोध उतपन्न करता है। लेकिन यह यदि योगपुर्ण हो तथा समय के साथ परिवर्तनशिल हो तो लाभकारी हो जाता है। मन की स्वतंत्रता यदि तन को आधार मान ले तो ब्यक्ति का पतन तय मान लेना चाहिए। मन पर बन्धन का मानसिक दवाव एक शक्तिशाली हथियार है। अपने आपको समय के धुरी से बाँधकर रखना एक कलात्मक योग है। इसका सतत पालन करना व्यक्ति को कार्य दबाव से मुक्ति के मार्ग को आसान बना देता है। समय का कार्य के साथ समायोजन जरूरी है जिससे…
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स्वाभिमान

स्वाभिमान

स्वाभिमान का होना बिकाश की ओर अग्रसर के भाव रखने वाले के लिेए अच्छा माना जाता है क्योकि उससे उनका एक छवि गढ़ने का भाव मान मे रखना होता है, जिससे वह अपने गनत्व शिखर तक आसानी से पहुँच सके। स्वाभिमान एक गुणात्मक पहलु है। गुण को गढ़ने की कला यदी गुणी के पास मौजुद है तो उससे उसका पुरा परिदृष्य साफ हो जाता है। वह उपने मुकाम पर पहुँचकर फिर पिछे की तरफ नही देखता है जिससे की उसका भाग्योदय होना माना जाता है। स्वभाव मे गुण के कारण उसकी क्रियाशिलता बनी रहती है। वह सतत अपने विकाश के…
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वक्त का आईना

वक्त का आईना

वक्त का आईना वक्त के आईना मे खुद को निरखना एक कला है अपने अंदर की ओर झांकने का कार्य ऋषि मुनी करते है, जिससे की उनका आत्म दर्शन हो जाता है। लेकिन व्यवहारिक मनुष्य के लिए ऐसा कर पाना समान्य व्यवहार मे नही आता है। इसलिए वह समय के साथ अपनो को ढ़ालने के लिए वक्त के आईना मे खुद को देखता है तथा जीने की कला विकसित करता है जिससे की वक्त के साथ सही तरीके से समायोजन हो सके। जिससे बाद वह खुद को आगे निकालने के लिए यथेष्ट बन जाता है।      यहां लेखिका खुद को…
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सीडीएस बिपिन रावत को श्रधांजलि

सीडीएस बिपिन रावत को श्रधांजलि

सीडीएस बिपिन रावत को श्रधांजलि भारत के सी डी एस बिपिन रावत आचानक हमलोगो को छोड़कर चले गये। आज जब सीमा पर दुश्मन खड़ा हमे चुनौती दे रहा है। तो ऐसे आनुभवी व्यक्ति की खास जरुरत होती है। इनकी दुरदर्शी सोच के कारण भारत को काफी लाभ हुआ। आनेवाली संभावना के प्रति बराबर सचेत रहते थे। अपने को हमेशा नयी सुचना से अपग्रेड रखते थे। कहते है घटना से जो लड़कर निकलता है, ओ आगे डटकर रहता है, लेकिन उनकी कमी हमेशा हमलोगो को खलती रहेगी। उनके काल खण्ड मे गलवान की झरप, मयांमार सर्जिकल स्ट्राईक तथा पाक सर्जिकल स्ट्राईक…
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श्रधेय बिदाई

श्रधेय बिदाई

श्रधेय बिदाई हमारा नित्य प्रति लोगो से मिलने जुलने का कार्य चलता रहता है, ऐसे मे कुछ ऐसे लोग होते है जो अपना एक प्रभाव छोड़ जाते है, जिन्हे हम कार्य उन्मुख होते समय उनकी याद करते है। ऐसे लोगो के प्रति हमारा भाव एक बिचार बनकर हमारे अंदर रह जाता है। इन्ही बिचारो की एक कड़ी हम यहां भेंट कर रहे हैकार्य मे प्रखरता तथा ततपरता व्यक्ति को एक दुसरे से जोडने का जो कार्य करता है उसका प्रभाव बनता है। कार्य के प्रति लगाव की गाथा को सुनाकर एक दुसरो को प्रोत्साहन करने की बात सतत चलती रहती…
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यादो का नया साल

यादो का नया साल

यादो का नया साल यादों का नया साल का जीवन प्रयंत चलने वाला अनुभव का योग है। कुछ पल ऐसे होते है जिसे हम बार - बार याद करते है। हमारा सफर और अच्छा हो इसकी याद करने के लिए हम लगातार प्रयासरत रहते है। यादो का नया साल हमे पुराने बिते समय की एक रुप रेखा खिंचता है तथा नया करने के लिए संकल्प की प्रेरणा देता है। हमारे सामने हमारे विचार स्थल पर बीते दिनों का एक पूरा परिदृश्य होता है जिससे की हम समय के साथ ज्यादा समायोजन कर ऊर्जावान बन सके। हम अपने नजरीया मे बदलाव…
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शिक्षा दान

शिक्षा दान

शिक्षा-दान  गुरु शिष्य की परम्परा सदियों से चली आ रही है। शिक्षा प्राप्ति के पश्चात गुरू दक्षिणा लेने की कथा बहुत कम मिलता है। एक प्रसिद्द कथा महाभारत काल मे कर्ण की आती है। कर्ण जब छोटा था, तब उन्हें गरु द्रोणाचार्य ने शिक्षा दान देने से इंकार किया था, जिसके जवाब मे कर्ण ने कहा- गुरु जी शिक्षा दान मे लेना भी नही चाहिए। लेकिन बाद मे उनके गुरु परशुराम ने उन्हे शिक्षा दिया। उन्होने कहा तुम ने जो वात्सल्य प्यार हमे दिया है- वही हमारी  दक्षिणा है। हम सभी इस महान शिष्य की गाथा से परिचित है, जिन्होने…
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विश्वकर्मा पूजा

विश्वकर्मा पूजा

विश्वकर्मा पूजा धातु के रुप मे लोहा के अविष्कार के साथ मानव जीवन मे बहुत बड़ा बदलाव आया। मानव के विकाश की पुरी दशा ही बदल गई। भाव की प्रधानता से मानव के विकाश की यात्रा का स्वरूप हम आज देख रहे है उसके लिए हम उस दिव्य शक्ति को याद करते है जिसने इसका ज्ञान मानव को दिया। निर्माण के किसी भी कार्य को सफलता पुर्वक करने के लिए देव लोक मे भगवान विश्वकर्मा को याद किया जाता है। मानव तन को ये शक्ति देव रुप विश्वकर्मा से प्राप्त हुआ है। इनके आराधना से कार्य की गुणता बनी रहती…
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यादो का सफऱ

यादो का सफऱ

यादों का सफर योदों का सफर बड़ा लम्बा होता है। हमारे सफर की धुंधली तस्वीर हमारे मस्तिष्क मे लम्बे समय तक सुरक्षित रहता है। इस सफर का कुछ पहलु ऐसा होता है, जो हमारे अनुभव का भाग बन जाता है। जिवन यात्रा मे जहां हमें कठीनाई का सामना करना पड़ता है और हम कोई सहारा ढ़ुढ़ते लगते है, तो यही यादें हमारा मार्ग दर्शन करती है। जिवनदर्प उजियारा हो इसके लिए यादो के सफर का होना अच्छा माना जाता है। यह हमारी ओ सम्पत्ति है, जिससे हमारे जिवन को एक अर्थ मिलता है। बिध्न बिनाशक माने जाने वाले यह सफर…
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