sneha

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खुद की तलाश

खुद की तलाश

खुद की तलाश खुद की तलाश एक कठीन कार्य है, क्योकी लोग व्यवस्था की धारा मे जीये चले जाते है। उन्हें कभी खुद के लिए समय निकलता ही नहीं है, जिससे की वह देख सके की वाकई उसकी यात्रा का पड़ाव कहाँ होने वाला है। उसे लगता है, कि वक्त की इस अनमोल पल को रोककर व्यर्थ क्यो चिंतन करे। लेकिन व्यवस्था की अपनी सिमा होती है वह उसी के अनुरुप अपना कार्य करती है। य़दि आपके सामर्थ मे उसे समझने की क्षमता की विकाश है, तो आप वक्त की कठीनाईयो से आसानी से पार लग जायेंगे अन्यथा आपको बदले…
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कृष्णाष्टमी

कृष्णाष्टमी

कृष्णाष्टमी कृष्ण के जन्म को भारतीय समाज के द्वारा युग प्रवर्तक के रुप मे देखा जाता है। जब दुष्टो का शासन पुर्णता पर हो और सारे जतन निष्क्रिय साबित हो जाये, तब एक ऐसे व्यक्ति का जन्म स्वर्णिम हो जाता है, जो इस दुष्टो का नाश करे। एक दोस्त का बिश्वास और दुसरे का बिश्वासघात, उसपर निराशा और हताशा के साथ बना संयोग कृष्ण के जीवन को दर्पण की भांती प्रकाशित कर दिया। जीवन मुल्य को निर्धारित करने, स्वयं की पराकाष्टा को बनाने तथा समय के अनुरुप सही निर्णय उनके जीवन मे मिलता है। कृष्ण की गाथा धार्मिक के साथ-साथ…
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करोना की वर्षी

करोना की वर्षी

करोना की बर्षी करोना की बर्षी साल 2021 के 23 मार्च को मना। इसी दिन 2020 को भारत मे लांकडाउन की शुरुआत हुई। जिसके बाद से लगातार हमलोग करोना के संक्रमण का समाना कर रहे है। कहा जा रहा है कि करोना के नया स्ट्रेन के आने के कारण यह सब हो रहा है। कोरना के संक्रमण के समय होने वाले लक्षण मे भी बिभिन्नता देखने को मिलता है। कोरोना संक्रमण के बाद ठिक हुए लोगो मे भी कई तरह के बिसंगतियां देखने को मिल रहा है। करोना के बारे मे 2020 के समय कही गई बातो का संकलन हम…
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करवा चौथ

करवा चौथ

करवा चौथ करवा चौथ पुजन विधीः- कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष चतुर्थो को ब्रती दिनभर का निर्जला ब्रत रखती है। रात्री मे चन्द्रोदय होने के बाद गणेश की पुजा की जाती है। ततपश्चात चांद्रदेव की पुजा की जाती है। चन्द्र देव को अर्ध्य भी दिया जाता है। फिर नयी चलनी के पास दिपक रखकर चांद के दिशा मे पति को देखा जाता है। इसके पश्चात पति पत्ति को जल पिलाकर उसके सुखद जिवन का संदेश देता है। संदेशः- यह पर्व आपसी रिस्तो की गहराई को समझने और समझाने का पर्व है। प्यार से रिस्ते और रिस्ते से प्यार के महत्ता…
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ओमेंस डे स्पेशल

ओमेंस डे स्पेशल

ओमेंस डे स्पेशल ओमेंस डे को नारी के उत्थान के लिए किये गये कार्यो की समीक्षा तथा भविश्य के कार्य के लिए भावी योजना के निर्माण हेतु मनाया जाता है। यह दिन बिशेष रुप से नारी को समर्पित है। नारी के बिभिन्न रुप से हम सब अवगत है। उसको समाज मे सम्मान मिले जिससे आने वाली पीढ़ी का मनोबल ऊचाँ रहे। बच्चो की प्राथमिक पाठशाला परिवार ही होता है, इसलीए नारी के सम्मान से ही नवीन समाज के उत्थान की नीव पड़ेगी। उसके उत्थान की जब चर्चा चलती है, तब हम अपनी पराकाष्ठा को बिच मे रखकर उसका बिकाश खोजते…
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आरती छठी माई की

आरती छठी माई की

छठ माई की आरती छठ मईया की आरती हमारी चेतना को जगाकर हमारे भाव को स्पष्ट रुप से चित्रण करती है। जिससे माता के साक्षात दर्शन का भान होता है। दिव्य रुप माता को अपने बिचार मे उतारना एक कठीन कार्य है। हमारे भाव की अभिव्यक्ति से एक आभा मंडल बनता है, जो हमारे चारो ओर एक बृत बनाकर हमे उर्जावान करता है। हमारे द्वारा उच्चारित शब्द हमे नियंत्रित करतें है। हमारी शब्दिक उच्च उर्जा शक्ति का जब शब्द से संचार होता है, तो दिव्य रुप माँ को अपने भक्त की पुकार सुनाई पड़ती है। क्योकि इस आरती मे माँ…
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आयुष की मधुबनी बहाली

आयुष की मधुबनी बहाली

मधुबनी सी एस द्वारा आयुष की बहाली करोना रोगी को नियंत्रन करने को लेकर निकाला गया था। जो करोना रोगी को कम होने के कारण रोक दिया गया। लेकिन खबर आयी की एम बी बी एस की बहाली ली गई है। बर्तमान समय मे समाज मे एक खास चिकित्सा के प्रति लोगो का झुकाव का कारण को देखते हुए सरकार कोई नई पहल नही करना चाहती है। राजनैतिक बिबसता का कारण बिकाश मे बाधा का पहुँचना एक पुरानी प्रक्रिया है। इसके बाबजुद हमलोग इसके साथ जिने को आदी हो गये है।      यह कविता हमें इस व्यवस्था को समझने की…
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आनन्द चतुर्दशी

आनन्द चतुर्दशी

आनन्द-चतुर्दशी. इसमे भगवान बिष्णु की पुजा की जाती है। भगवान बिष्णु को प्रतिपालक कहा जाता है। जिव के जिवन का यह सबसे  हमत्वपुर्ण काल होता है, उसका जन्म से मृत्यु तक का समय। इसी समय में वह अपनी कहानी का अंत कर लेता है। इस संसार में व्यवस्थित रुप से रहने के लिए कई प्रकार की वंधन, संयोग, बियोग का निर्माण किया गया है। आपको एक सफल व्यक्ति बनने के लिए सवसे उपयुक्त का चुनाव करना है, जिससे की आपका जिवन सफल हो जाय। यह कठिन कार्य है। पुर्व कर्मो के आधार पर प्राप्त आपका जिवन अपने आयामों के साथ…
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