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                                        Jan                                    
                                
                            
                        
                        
                    
                        कृष्णाष्टमी कृष्ण के जन्म को भारतीय समाज के द्वारा युग प्रवर्तक के रुप मे देखा जाता है। जब दुष्टो का शासन पुर्णता पर हो और सारे जतन निष्क्रिय साबित हो जाये, तब एक ऐसे व्यक्ति का जन्म स्वर्णिम हो जाता है, जो इस दुष्टो का नाश करे। एक दोस्त का बिश्वास और दुसरे का बिश्वासघात, उसपर निराशा और हताशा के साथ बना संयोग कृष्ण के जीवन को दर्पण की भांती प्रकाशित कर दिया। जीवन मुल्य को निर्धारित करने, स्वयं की पराकाष्टा को बनाने तथा समय के अनुरुप सही निर्णय उनके जीवन मे मिलता है। कृष्ण की गाथा धार्मिक के साथ-साथ…                    
                                            
                                    
 
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                            