sneha

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तीसरा सोमवारी

तीसरा सोमवारी

भगवान भोलेनाथ को जल प्यारा है। शुद्ध जल को व्यवस्थित तरीके से भगवान को जलाभिषेक के बाद मन में शीतलता का भाव आता है। कहते है की जब भागीरथी के कठोर तप से गंगा स्वर्गलिक से धरती पर अवतरित हुई थी तो उसके तेज धार को रोकना संभव नहीं था। तब भगवान शिव ने अपनी जटा में गंगा को समेट कर मानव कल्याण के लिए गंगा की निरसित किया था। बहती जल धारा जीव जगत के लिए जीवन का आधार है। बहुत सारे पशु पक्षी अपना प्यास बुझाने के लिए बहता जल का ही उपयोग करते है। बहता जल आपने…
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चौरचन

चौरचन

गणेश चतुर्थी यानी की चौरचन का पर्व अपने बच्चे को दिर्धायु बनने के लिए किया जाता है। इससे एक रोचक कहानी जुड़ी हुई है जो समाज मे व्याप्त अपयश को दुर करने के विचार को शक्ति प्रदान करता है। कहा जाता है कि एक दिन भगवान गणेश अपने मुसक वाहन पर अपने कैलाश पर घुम रहे थे। उसको देखकर चन्द्रमा को हंसी आ गई। अपना उपहास को देख गणेश जी को आत्म गलानी महसुस हुई। गणेश जी इस व्यवहार को अनुचित मानते हुए चन्द्रमा को शाप दिया कि इस दिन जो अपको देखेगा उसको कलंक का समाना करना परेगा। इसके…
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गुलाब का जादू

गुलाब का जादू

गुलाब का जादू   जादू का खेल बड़ा ही निराला होता है। इसमे किया जाने वाला कार्य हमारी आकार्षण का मुख्य बिन्दु होता है। हमारा पुरा ध्याण जादु करने वाले के साथ-2 जादुई प्रक्रिया से बना रहता है। उत्साह की सीमा का अंदाज लगाना कठिन होता है। लगाव जुड़ाव का अपना ही एक गणित होता है। जिसको लोग मनोयोग से समझ कर प्रतिक्रया करते है। यदि आप भाव के प्रकट करने या भाव को समझने के धनी नही है तो प्रभाव उसके अनुरुप ही होगा। सौन्दर्य का आपना एक आभा मंडल होता है। जो समझने वाला को ही अपना शिकार…
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गुरुर

गुरुर

गुरुर खुद पर गुरुर का होना बड़ी बात है। यदि व्यक्ति समय के साथ चलते हुए बड़े निष्ठा के साथ कार्य करते हुए आगे बढ़ता है और पुरी ततपरता के साथ लगा हुआ है तो कहता है कि हमे खुद पे गुरुर है। इसका अभिप्रय यह होता है कि व्यक्ति मे कार्य को सही से करते हुए आगे बढ़ने के प्रति सतर्क है। वह सावधानी के विधान को सही से जानता है। उसके कार्य करने की शैली अगल है जिससे की वह इतने विश्वास के साथ ये बात कह रहा है। गुरुर और घमंड मे अंतर होता है। घमंड ये…
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गाँधी जयंती

गाँधी जयंती

गांधी जयंती 2 अक्टुबर को गांधी ज्यंती मनाई जाती है क्योकि इसी दिन गांधी जी का जन्म हुआ था। गांधी एक विचार का प्रवाह है जो किसी भी मुश्किल कार्य को हल करने के लिए जन जानगरण के साथ एक स्वास्थ्य विचार का सम्प्रेषण करने को प्रेरित करता है। स्वार्थ का दायरा संकिर्ण होता है। इसमे जीने वाले लोगो को सदा डर बना रहता है क्योकि उसके सिमित दारये मे सुख खोजने के कारण वह कुंठित होकर रह जाता है। इसके कारण वह तरह - तरह के तरकीव लगाने लगता है। जिसके बाद वह खुद को असहज महसुस करने लगता…
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खुद की तलाश

खुद की तलाश

खुद की तलाश खुद की तलाश एक कठीन कार्य है, क्योकी लोग व्यवस्था की धारा मे जीये चले जाते है। उन्हें कभी खुद के लिए समय निकलता ही नहीं है, जिससे की वह देख सके की वाकई उसकी यात्रा का पड़ाव कहाँ होने वाला है। उसे लगता है, कि वक्त की इस अनमोल पल को रोककर व्यर्थ क्यो चिंतन करे। लेकिन व्यवस्था की अपनी सिमा होती है वह उसी के अनुरुप अपना कार्य करती है। य़दि आपके सामर्थ मे उसे समझने की क्षमता की विकाश है, तो आप वक्त की कठीनाईयो से आसानी से पार लग जायेंगे अन्यथा आपको बदले…
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कृष्णाष्टमी

कृष्णाष्टमी

कृष्णाष्टमी कृष्ण के जन्म को भारतीय समाज के द्वारा युग प्रवर्तक के रुप मे देखा जाता है। जब दुष्टो का शासन पुर्णता पर हो और सारे जतन निष्क्रिय साबित हो जाये, तब एक ऐसे व्यक्ति का जन्म स्वर्णिम हो जाता है, जो इस दुष्टो का नाश करे। एक दोस्त का बिश्वास और दुसरे का बिश्वासघात, उसपर निराशा और हताशा के साथ बना संयोग कृष्ण के जीवन को दर्पण की भांती प्रकाशित कर दिया। जीवन मुल्य को निर्धारित करने, स्वयं की पराकाष्टा को बनाने तथा समय के अनुरुप सही निर्णय उनके जीवन मे मिलता है। कृष्ण की गाथा धार्मिक के साथ-साथ…
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करोना बम

करोना बम

कोरोना बम कोरोना की महामारी जिस तरह से वैश्विक स्तर पर तवाही मचाई उससे ये कहा जाने लगा कि करोना का उपयोग विश्विक इकोनोमी को प्रभावित करने को लेकरके किया गया एक साजिस है। इस पर एक लम्बी वहस की प्रक्रिया चली। कोरोना को रोकने के ततकालिक किये जा रहे उपाय असफल सावित हो रहे थे। विश्व के लगभग सभी देश इस समस्या से प्रभावित रहे। वहुत सारे देश ने अपने इकोनोमी को बचाने के लिए बहुत नुकसान सहा। वहां पर लोगो की मौत का आंकड़ा बढ़ता गया पर कार्य को एक स्तर तक बनाये हुए रखा गया तथा वैक्सिन…
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करोना की वर्षी

करोना की वर्षी

करोना की बर्षी करोना की बर्षी साल 2021 के 23 मार्च को मनाई गई। इसी दिन 2020 को भारत मे लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी। जिसके बाद से लगातार हमलोग करोना के संक्रमण का समाना कर रहे थे। कहा जा रहा है कि करोना के नया स्ट्रेन के आने के कारण यह सब हो रहा है। कोरना के संक्रमण के समय होने वाले लक्षण मे भी बिभिन्नता देखने को मिलता है। कोरोना संक्रमण के बाद ठिक हुए लोगो मे भी कई तरह की बिसंगतियां देखने को मिल रहा है। करोना के बारे मे 2020 के समय कही गई बातो का…
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करोना की  दुसरी लहर

करोना की दुसरी लहर

करोना की दुसरी लहर करोना विमारी एक बहुत बड़े महामारी के रुप मे फैला। यह अवतक की सबसे धाकत विमारी सावित हुई। वैश्विक स्तर पर सभी देश इससे प्रभावित रहे। इसके बारे मे पुरी जानकारी को आने मे जितनी देर लगी उतने मे ही यह एक बड़े पैमाने पर फौल गया। इसके वाईरस मे लगातार बदलाव देखा गया। एक तरह के वदलाव से जब विमारी थोड़ी कम मालुम हुआ तो दुसरी लहर से मृत्यू की दर बढ़ने लगी। करोना विमारी को फैलने का स्त्रोत चाईना के बुहान को माना जा रहा है। लेकिन इसकी आवतक कोई प्रमाण नही मिलने की…
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