07
Feb
बधाई देने का अपना ही महत्व होता है। इसके आनन्द की तुलना कर पना संभव नही है क्योकी यह व्यक्ति पर निर्भर करता है। बधाई स्विकार किया जाना भी देने वाले के प्रति लगाव को व्यक्त करता है। आजकल का दौर सुनकर या देखकर शांत रहने का है। जिसका परिणाम यह होता है की लोगो के बिच बैचारीक दुरी बढ़ती जा रही है। बैचारिक दुरी को कम करने के लिए यह संदेश एक उद्वीपन का कार्य करेगा। जिस भाव को हम स्वतः स्फुर्त तरीके से समझ सकते है उसका एक अलग रुप आपको रोमांचित करेगा। इसलिए इसके भाव को समझ…